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नई दिल्ली: दिल्ली के आरके पुरम में रहने वाले 52 साल के लक्ष्मण अग्रवाल एक साधारण सुबह में अपने घर में चाय पी रहे थे. तभी उनके फोन पर एक मैसेज आया. मैसेज में लिखा था, ‘आपका दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) का पानी का कनेक्शन आज रात को काट दिया जाएगा क्योंकि आपका मीटर रीडिंग अपडेट नहीं हुआ है’ लक्ष्मण हैरान रह गए. मैसेज में उनकी पूरी जानकारी थी, उनका नाम, पता, फोन नंबर, और यहां तक कि उनके पानी के कनेक्शन का KNO नंबर भी. मैसेज में यह भी लिखा था कि उनके बिल में 12 रुपये बकाया हैं, जिसे तुरंत भरना होगा.
एक और कहानी
ऐसी ही एक और कहानी वसंत कुंज के एक व्यापारी की है. उन्हें भी ऐसा ही मैसेज मिला, जिसमें लिखा था कि तीन घंटे में उनका पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा. डर के मारे उन्होंने जल्दी से मैसेज में दिए लिंक पर क्लिक किया और एक ऐप डाउनलोड किया. एक घंटे के अंदर उनके खाते से 1 लाख रुपये गायब हो गए.
पुलिस के मुताबिक, यह सब दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पर मौजूद एक खामी की वजह से हो रहा है. डीजेबी की वेबसाइट पर ‘Know Your KNO’ नाम का एक पोर्टल है, जिसका मकसद लोगों को उनके पानी के कनेक्शन का 10 अंकों का नंबर ढूंढने में मदद करना था. लेकिन इस पोर्टल में एक बड़ी खामी है. कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति का पता डालकर दिल्ली के लाखों लोगों की निजी जानकारी निकाल सकता है, फिर चाहे वो नाम, पता, फोन नंबर, और KNO नंबर क्यों न हो. इन जानकारियों का इस्तेमाल करके ठग लोग डीजेबी के अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं और डराते हैं कि उनका पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा. फिर वे लोगों को फर्जी ऐप डाउनलोड करवाकर उनके बैंक खातों से पैसे चुरा लेते हैं.
हर महीने 5,000 घोटाले होते हैं
पुलिस का कहना है कि दिल्ली में हर महीने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर 5,000 से ज्यादा शिकायतें आती हैं, जिनमें से 700 से ज्यादा इस घोटाले से जुड़ी होती हैं. पिछले चार महीनों में इस घोटाले से करीब 10 करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है. पुलिस ने जून में झारखंड के जामताड़ा और देवघर से तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके फोन से 35 और मामलों का पता चला. वहीं दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अमित गोयल ने बताया कि पिछले चार-पांच महीनों में ऐसी कई शिकायतें मिली हैं. ‘यह घोटाला बढ़ता जा रहा है क्योंकि कई गिरोह डीजेबी की जानकारी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.’
नहीं होंगे कोई चेंजेस
यहां तक कि बड़े अधिकारी भी इस ठगी का शिकार होने से बाल-बाल बचे. किदवई नगर में रहने वाले एक सीनियर आईएएस अधिकारी को भी ऐसा ही मैसेज मिला, जिसमें 12 रुपये बकाया होने की बात थी. लेकिन जब उन्होंने कॉलर के नंबर की जांच की, तो पता चला कि वह झारखंड से था. अब डीजेबी ने 3 जून को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें लोगों से सावधान रहने को कहा गया. उन्होंने बताया कि कुछ लोग डीजेबी के नाम पर फर्जी कॉल, मैसेज या व्हाट्सएप के जरिए ठगी कर रहे हैं. लेकिन डीजेबी का कहना है कि वे अपने पोर्टल में कोई बदलाव नहीं करेंगे, क्योंकि लोग KNO नंबर जानना चाहते हैं और हर बार ऑफिस नहीं आ सकते.
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