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Noida Latest News: ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक 2.6 किमी मेट्रो रूट की योजना है, जिसमें जुनपत और बोड़ाकी स्टेशन होंगे. इस परियोजना पर 416 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.

जिले में अबतक के सबसे छोटे इस मेट्रो रूट को मिलेगी हरी झंडी
हाइलाइट्स
- ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक 2.6 किमी मेट्रो रूट बनेगा.
- इस रूट पर जुनपत और बोड़ाकी स्टेशन होंगे.
- मंजूरी मिलने पर एक साल में काम शुरू होने की उम्मीद.
सुमित राजपूत/नोएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो की मांग कई सालों से हो रही है, लेकिन उससे पहले ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक मेट्रो सेवा शुरू होने की उम्मीद है. यह रूट सिर्फ 2.6 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें दो स्टेशन- जुनपत और बोड़ाकी शामिल होंगे. यह अब तक जिले का सबसे छोटा मेट्रो रूट होगा, लेकिन इसका महत्व बहुत ज्यादा है इसलिए इसे तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.
इस रूट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) पहले ही राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है. अब इस परियोजना को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने की संभावना है. बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की बैठक में इस रूट के साथ-साथ बॉटेनिकल गार्डन से सेक्टर-142 तक के मेट्रो प्रोजेक्ट की भी प्रेजेंटेशन होगी. इस बैठक में नोएडा अथॉरिटी के CEO को बुलाया गया है.
केंद्र सरकार की कैबिनेट से मंजूरी जरूरी नहीं
ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक का रूट, एक्वा लाइन का विस्तार होगा. वर्तमान में एक्वा लाइन नोएडा सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक चल रही है, जिसे अब बोड़ाकी तक बढ़ाया जाएगा. इस परियोजना पर करीब 416 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. चूंकि यह राशि 500 करोड़ से कम है, इसलिए इसके लिए केंद्र सरकार की कैबिनेट से मंजूरी नहीं चाहिए, जिससे काम जल्दी शुरू हो सकेगा.
एक साल के भीतर काम शुरू होने की उम्मीद
बोड़ाकी मेट्रो स्टेशन को बहुउद्देशीय ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां ट्रेन, मेट्रो, अंतरराज्यीय बस अड्डा और स्थानीय परिवहन के साधन मौजूद होंगे. इसके साथ ही होटल और अन्य वाणिज्यिक सुविधाएं भी विकसित होंगी, जिससे यह जगह बड़ा ट्रांजिट पॉइंट बनेगा. एनएमआरसी के अधिकारियों के अनुसार, मंजूरी मिलने के बाद सबसे पहले डिजाइन कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए अगले महीने आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी होगी. दो महीने के भीतर एजेंसी का चयन होगा और चार महीने में प्राथमिक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी. फिर टेंडर निकाला जाएगा और एजेंसी चयन के बाद 2-3 महीने में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो विस्तार में आ रही अड़चन
वहीं, ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो विस्तार की DPR को प्रदेश सरकार ने दो बार मंजूरी दी है, लेकिन अब तक इसका काम शुरू नहीं हो पाया है. हाल ही में इस रूट पर शीघ्र कार्य शुरू होने का आश्वासन मिला था, लेकिन केंद्र सरकार के स्तर पर चर्चा नहीं होने की वजह से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है.
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