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किसान अब करेले की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं. कम लागत और वैज्ञानिक विधियों से उगाई गई यह कड़वी फसल उनके जीवन में मिठास भर रही है. परंपरागत खेती छोड़कर सब्जियों की ओर बढ़ते ये किसान अब आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुके हैं.

किसान अब करेले की खेती में नई तकनीकों का इस्तेमाल कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक तकनीकों को अपनाया है, जिससे कम लागत में अधिक उपज मिल रही है. गर्मियों में करेले की मांग बढ़ने से किसानों को इसका अच्छा दाम मिल रहा है. सरकार भी किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई-नई तकनीकों को बढ़ावा दे रही है, जिससे वे पारंपरिक खेती के बजाय लाभकारी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं.

किसान पारंपरिक खेती छोड़कर सब्जियों की खेती शुरू कर रहे है, जिससे उन्हें बेहतर लाभ मिल रहा है. करीब एक एकड़ में करेले की खेती करने पर 60 हजार रुपये की लागत आती है. इसमें बीज, बांस, डोरी, पन्नी और मजदूरी का खर्च शामिल है, जबकि मुनाफादो से ढाई लाख रुपये तक हो जाता है.

अनिल ने लोकल18 से बताया कि वे मल्च विधि से करेले की खेती कर रहे हैं. इस विधि से सब्जियों की पैदावार अच्छी होती है और फसल में रोग भी कम लगते हैं. इस तकनीक से खेत में नमी बनी रहती है और खरपतवार भी कम उगते हैं, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता बेहतर होती है.

करेले की खेती करना बहुत आसान है. सबसे पहले खेत की जुताई की जाती है, फिर पूरे खेत में बेड बनाए जाते हैं और उन पर पन्नी बिछा दी जाती है. इसके बाद पन्नी में एक से डेढ़ फीट की दूरी पर छेद किए जाते हैं और उनमें करेले के बीज लगाए जाते हैं. जब पौधा थोड़ा बड़ा होने लगता है, तब उसकी सिंचाई की जाती है.

इसके बाद खेत में बांस का ढांचा बनाया जाता है, जिस पर करेले के पौधों को डोरी के सहारे बांध दिया जाता है. इससे वे संरचना पर फैल जाते हैं. ऐसे में फसल तैयार होने पर तोड़ने में आसानी होती है. पौधे लगाने के 60 से 70 दिनों में फसल निकलनी शुरू हो जाती है और इसे हर दिन तोड़कर बाजार में बेचा जा सकता है. यह फसल लगभग तीन महीने तक चलती है.

करेले की खेती अब किसानों के लिए फायदे का सौदा बन गई है. कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली यह आधुनिक विधि पारंपरिक खेती से बेहतर साबित हो रही है. कई किसान अब सब्जी उत्पादन की ओर रुख कर आधुनिक तकनीकों से अपनी आमदनी में तेजी से बढ़ोतरी कर रहे हैं.

किसान पिछले आठ सालों से सब्जी की खेती कर रहे हैं. इस बार उन्होंने मार्च में करेले की बुवाई की थी. जून तक फसल बंपर उत्पादन दे रही है. उन्होंने बताया कि करेले की फसल तैयार करने में लगभग 20,000 रुपये की लागत आती है और इससे अच्छा मुनाफा भी होता है.
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