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अक्सर लोग गाना सुनते हैं ताकि उनका मूड सही हो जाए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा गाना है जिसे सुनने के बाद लोगों ने रियल लाइफ में सुसाइड किया है. हैरान हो गए ना? लेकिन ये कोई अफवाह नहीं, ये सच्चाई है..ऐसा स…और पढ़ें

‘किलर सॉन्ग’! ऐसा गाना जो बना लोगों की मौत की वजह, सुनते ही लोगों ने ले ली अपनी जान? सच जान कांप उठेंगे!

अनलकी गाना ग्लूमी संडे…(फोटो साभार- imdb)

हाइलाइट्स

  • ‘ग्लूमी संडे’ गाने से 100 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की.
  • गाने के लेखक रेजसो सेरेसे ने भी 1968 में आत्महत्या की.
  • 1941 में बैन, 2003 में चेतावनी के साथ गाना फिर से रिलीज हुआ.

मुंबई : संगीत हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है. ये न केवल हमारे मूड को बेहतर करता है, बल्कि हमारे जीवन उतार-चढ़ाव में भी साथ देता है. चाहे खुशी का मौका हो या गम का, संगीत हर भावना को बयां करने का जरिया बनता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतिहास में एक ऐसा भी गाना रहा है जिसे सुनने के बाद कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी? ये कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि एक हकीकत है.

हम पूरे साल कुछ ऐसे गाने सुनते हैं जो हमारे दिलों को छू लेते हैं और यादों में बस जाते हैं. लेकिन ‘ग्लूमी संडे’ नाम का एक गाना ऐसा भी था जो इतना मनहूस साबित हुआ कि उसे दुनिया के कई हिस्सों में बैन करना पड़ा. Zee news की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एक गाने की वजह से 100 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

कब आया ये गाना?

‘ग्लूमी संडे’ गाने को 1933 में हंगरी के फेमस सिंगर रेजसो सेरेसे (Rezso Seress) ने लिखा था. लेकिन इसे पब्लिक के सामने 1935 में लाया गया. गाने तब आया जब सेरेसे की गर्लफ्रेंड ने उन्हें छोड़ दिया था. उनका दिल टूटा हुआ था और उन्होंने अपने उस दर्द को शब्दों और सुरों में पिरो दिया. गाने के बोल इतने दुखद और निराशाजनक थे कि लोगों के दिलों को बुरी तरह झकझोर कर रख देते थे.

पहली आत्महत्या

गाने के रिलीज के कुछ समय बाद ही आत्महत्या की घटनाएं सामने आने लगीं. साल 1935 में एक मोची ने गाना सुनने के बाद आत्महत्या कर ली थी और उसके सुसाइड नोट में ‘ग्लूमी संडे’ के लिरिक्स लिखे मिले थे. इसके बाद ऐसे मामलों की संख्या बढ़ती गई – कई लोग गोली मारकर तो कोई पानी में कूदकर या अन्य तरीकों से अपनी जान देने लगे.

खुद सिंगर ने भी ली जान

सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि खुद इस गाने के लेखक रेजसो सेरेसे ने भी 1968 में आत्महत्या कर ली थी. रिपोर्ट्स के अनुसार, दो अन्य लोगों ने भी इसी गाने को सुनते हुए खुद को गोली मार ली थी. एक महिला ने इसे सुनने के बाद नदी में कूदकर जान दे दी.

आखिर क्यों था ये गाना इतना खतरनाक?

जब इस गाने की गहराई से जांच की गई, तो सामने आया कि ये गाना हंगेरियन भाषा में था और उसे उस दौर में रिलीज किया गया था जब हंगरी आर्थिक तंगी और सामाजिक दिक्कतों से गुजर रहा था. लोग पहले से ही डिप्रेशन और तनाव से जूझ रहे थे. ऐसे में ‘ग्लूमी संडे’ ने और ज्यादा दुख दे दिया था.

गाने में जिंदगी की निराशा, युद्ध, गरीबी और अकेलेपन की तस्वीर इतनी गहराई से खींची गई थी कि लोग खुद को इससे जोड़ने लगते थे और यही जुड़ाव उन्हें अंधेरे में ले गया.

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