Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

Last Updated:

अमेठी जिले के किसान खेती के साथ मछली पालन कर लाखों की कमाई कर रहे हैं. अमन खान, समर बहादुर और रमेश शर्मा जैसे किसानों ने इस व्यवसाय से अपनी किस्मत बदली है, जिसमें सरकार भी अनुदान देकर मदद कर रही है.

X

खेती को कहा अलविदा, मछलियों ने बदली किस्मत! अमेठी के किसानों की बेमिसाल कामयाब

मछली पालन का तालाब

हाइलाइट्स

  • अमेठी में मछली पालन से किसानों की आय बढ़ी.
  • अमन खान ने मछली पालन से 8-10 लाख रुपये कमाए.
  • सरकार मछली पालन में 40-60% अनुदान दे रही है.

आदित्य कृष्ण/ अमेठी- खेती-किसानी के साथ-साथ अब अमेठी जिले में मछली पालन एक तेजी से उभरता हुआ व्यवसाय बनता जा रहा है. जिले के कई किसान इस दिशा में प्रयास कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. मछली पालन ने न केवल उनकी आय में वृद्धि की है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मज़बूती प्रदान की है.

प्रगतिशील किसान अमन खान की सफलता की कहानी
अमेठी जिले के महमूदपुर गांव के रहने वाले अमन खान जिले के सबसे प्रगतिशील मछली पालकों में गिने जाते हैं. उन्होंने चार तालाबों में मछली पालन कर एक नई मिसाल कायम की है. प्रत्येक तालाब से उन्हें डेढ़ से दो लाख रुपये तक का लाभ प्राप्त होता है, यानी कुल मिलाकर 8 से 10 लाख रुपये की आमदनी एक चक्र में हो जाती है. अमन खान की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही सोच और मेहनत से कोई भी किसान अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकता है.

शिक्षक से मत्स्यपालक बने समर बहादुर
अमेठी के मवई आलमपुर गांव के निवासी समर बहादुर पेशे से अध्यापक हैं, लेकिन उन्होंने अध्यापन के साथ-साथ मछली पालन को भी अपनाया. तिलोई तहसील के इस किसान ने 400 हेक्टेयर निजी भूमि पर तालाब का निर्माण कर मछली पालन शुरू किया. एक वर्ष के भीतर ही उन्हें 7 लाख रुपये की आय प्राप्त हुई, जिसमें से 2 लाख रुपये का सीधा मुनाफा मछली पालन से हुआ.

8 जगहों पर मछली पालन
गौरीगंज तहसील के दीवान गांव के रमेश शर्मा ने पारंपरिक तरीकों को छोड़कर नई तकनीक और आइडिया के साथ मछली पालन शुरू किया. आज वे 8 अलग-अलग स्थानों पर तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे हैं और लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. उनका मानना है कि खेती की तुलना में व्यवसाय अधिक लाभदायक है. यही कारण है कि उन्होंने स्वावलंबन का रास्ता चुना.

सरकारी सहायता भी बन रही सहारा
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी किसानों को अनुदान प्रदान कर रही है. वरिष्ठ मत्स्य निरीक्षक अनिल कुमार के अनुसार, किसानों को मछली पालन में 40% तक का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि कुछ विशेष योजनाओं के अंतर्गत 60% तक का अनुदान भी संभव है. इसके लिए किसानों को आधार कार्ड, पैन कार्ड और खतौनी के साथ आवेदन करना होता है. पहले आओ, पहले पाओ की नीति के तहत पात्र किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है.

homeagriculture

खेती को कहा अलविदा, मछलियों ने बदली किस्मत! अमेठी के किसानों की बेमिसाल कामयाब

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment