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Agriculture News:फिरोजाबाद में एक किसान जैविक तरीके से खेती करने की ट्रेनिंग लेने के बाद गन्ने के साथ-साथ मूंग को भी उगाकर डबल मुनाफा कमा रहा है.गाय के गोबर से जैविक खाद को तैयार कर खेतों में डालता है. जिससे बि…और पढ़ें

गन्ने के साथ मूंग की फसल दिखाता हुआ युवा किसान
फिरोजाबाद में रहने वाला एक किसान सहफसल की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहा है.युवा किसान ने पहले जैविक खेती की ट्रेनिंग ली. उसके बाद अपने खेतों में गन्ने को बोया. इसके साथ-साथ अन्य फसलों को भी उगाकर डबल मुनाफा कमाता है. किसान का कहना है कि वह खेतों में किसी भी खाद का प्रयोग नहीं करता बल्कि शुद्ध तरीके से खेती को करता है. वह अपने खेतों में गन्ने के साथ-साथ मूंग की भी खेती कर रहा है. इससे उसे डबल इनकम हो रही है.
फिरोजाबाद के सांति गांव में रहने वाले युवा किसान सचिन राजपूत ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने सन 2017 में लखनऊ जाकर जैविक तरीके से खेती करने की ट्रेनिंग ली और उसके बाद उन्होंने अपने खेतों में गन्ने को बोया. इस दौरान उन्होंने किसी भी रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया बल्कि गाय के गोबर से खाद को तैयार कर खेतों में लगाया है.
गन्ने के साथ कर सकते है मूंग की खेती
इसके साथ ही उन्होंने सहफसल करना भी सीखा और गन्ने के साथ-साथ मूंग की फसल भी करते हैं. जिससे अच्छा मुनाफा कमाते हैं. युवा किसान ने कहा कि उन्होंने लगभग 2 एकड़ में गन्ना लगाया हुआ है. वह 2017 से गन्ने की खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही सहफसल के जरिए अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं. सहफसल के जरिए मूंग की खेती को उगाकर दो से तीन महीने में अच्छी इनकम होती है. 15 से 18 महीने में गन्ने की फसल भी तैयार हो जाती है. उसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं. यानी सहफसल के जरिए दो फसलों से अच्छी पैदावार होती है.
जैविक खाद से तैयार होती है सहफसल
युवा किसान सचिन राजपूत ने बताया कि वह गन्ने की खेती करने के लिए उसमें देसी गाय के गोबर से तैयार की गई खाद को डालते हैं. जिससे फसल की अच्छी पैदावार होती है.वहीं सहफसल में भी किसी रासायनिक विधि का प्रयोग नहीं करते हैं. गन्ने के साथ-साथ मूंग से डबल इनकम करते हैं. सीजन आने पर जैविक तरीके से उगाई गई मूंग के दाम अच्छे मिलते हैं.
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