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पीरियड दर्द में राहत
तिल के तेल की गर्म तासीर यूटेरस की जकड़ी मांसपेशियों को आराम देती है. हल्की मालिश से रक्त प्रवाह बढ़ता है, ब्लॉकेज घटता है और क्रैम्प्स धीरे‑धीरे कम हो जाते हैं. कई महिलाओं ने पाया कि लगातार एक‑दो महीने तक इस उपाय को अपनाने से दर्द न के बराबर महसूस होता है.
नाभि पर तिल का तेल लगाने से पाचन अंगों तक गर्मी पहुंचती है. इससे आंतों की गति सुधरती है और सुबह पेट साफ होता है. साथ ही यह तेल तंत्रिका तंत्र को सुकून देता है, जिस कारण गहरी नींद आती है. जो लोग रात को बार‑बार जागते हैं, वे एक हफ्ते में इसका फर्क महसूस कर सकते हैं.
त्वचा में निखार
जब नाभि के रास्ते तिल का तेल शरीर के भीतर जाता है, तो वह स्किन सेल्स को पोषण देता है. इससे सूखापन कम होता है, होंठ फटने रुकते हैं और चेहरे पर प्राकृतिक चमक दिखने लगती है. सर्दियों में रूखी एड़ियां भी मुलायम रहती हैं.
1. सोने से पहले पेट साफ गीले कपड़े से हल्का पोंछें.
2. एक चम्मच तेल हल्का गुनगुना करें.
3. नाभि में 3 बूंद डालें और उँगलियों से दो मिनट गोल‑गोल घुमाएं.
4. पीठ के बल लेट जाएं ताकि तेल भीतर तक समाए.
5. हफ़्ते में तीन बार काफी है; पीरियड के दिनों में रोज़ाना करें.
किन्हें सावधान रहना चाहिए
1. तिल से एलर्जी वालों को यह उपाय नहीं अपनाना चाहिए.
2. अगर नाभि में कट या रैश है, तो पहले ठीक होने दें.
3. गर्भवती महिलाएं उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि तेल की गर्म तासीर कभी‑कभी असहज लग सकती है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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