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Delhi News: देश की राजधानी होने के नाते दिल्‍ली में सुरक्षा की पुख्‍ता व्‍यवस्‍था रहती है. इसके बावजूद कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिससे पुलिस के साथ ही आमलोग भी हैरत में पड़ जाते हैं. एक बार फिर से ऐसा ही…और पढ़ें

दिल्‍ली में चल रहा था गजब का खेल, पता चलते ही पुलिस के पैरों तले खिसकी जमीन

दिल्‍ली में फ्रॉड का गंभीर मामला सामने आया है.

नई दिल्‍ली. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने दो अलग-अलग ऑपरेशन में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर चीन से ऑपरेट हो रहे साइबर फ्रॉड नेटवर्क से जुड़े हुए थे. इन अभियानों में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी, फर्जी निवेश ऐप्स, टेलीग्राम चैनलों और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से अवैध लेन-देन का खुलासा हुआ है. उत्तर-पश्चिम जिला साइबर पुलिस स्टेशन ने पवन और मंकीरात ढिल्लों नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक व्यक्ति को शेयर बाजार में मुनाफे का झांसा देकर 21 लाख रुपये की ठगी की.

आरोपियों ने एक नकली निवेश ऐप के ज़रिए पीड़ित को ठगा, जिसमें झूठे लाभ और निवेश आंकड़े दिखाए गए. तीन किश्तों में पीड़ित ने पूरी रकम आरोपियों द्वारा साझा किए गए बैंक खातों में जमा की थी. संचार के लिए टेलीग्राम और व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया गया. जांच में सामने आया कि आरोपी टेलीग्राम चैनलों के ज़रिए चीनी नागरिकों के संपर्क में थे. ये लोग स्थानीय लोगों से बैंक खाते लेकर उन्हें कमीशन पर विदेशी नेटवर्क को सौंपते थे. पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से कई एटीएम कार्ड, चेकबुक, पासबुक, सिम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. पुलिस को उनके नेपाल यात्रा के भी साक्ष्य मिले हैं, जहां आरोपियों को ठगी की रकम संबंधित बैंक खातों में मिली. होटल बिल और हवाई टिकट भी बरामद किए गए हैं.

इंटरस्‍टेट रैकेट

दक्षिण-पश्चिम जिले की साइबर पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों (महेंद्र सिंह राजावत, आरिफ़ खान और लक्ष्मी नारायण वैश्य) को जयपुर से गिरफ्तार किया. ये आरोपी क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म्स और यूएसडीटी के ज़रिए ठगी की रकम चीन पहुंचा रहे थे. यह मामला शिकायतकर्ता के. कांत की शिकायत पर दर्ज हुआ, जिन्हें व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर होटल-रेस्तरां के लिए ऑनलाइन रिव्यू लिखने के बदले पैसे कमाने का लालच दिया गया. शुरू में उन्हें कुछ पैसे मिले भी, लेकिन बाद में वेलफेयर टास्क, अकाउंट अनफ्रीजिंग और क्रेडिट स्कोर सुधार जैसे बहानों से उनसे 15.8 लाख रुपये ठग लिए गए. जांच में तकनीकी विश्लेषण और बैंक ट्रेल के आधार पर जयपुर, अजमेर और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी की गई. महेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद आरिफ़ खान और लक्ष्मी नारायण को भी पकड़ लिया गया.

टेलीग्राम से कॉन्‍टैक्‍ट

पुलिस ने आगे बताया कि ये आरोपी भी चीन स्थित एक टेलीग्राम संचालक के संपर्क में थे और ठगी की रकम को तत्‍काल यूएसडीटी में बदलकर विदेशी खातों में भेजते थे. इन दोनों मामलों से यह साफ है कि साइबर फ्रॉड नेटवर्क अब न केवल हाई-टेक हो चुके हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय अपराधियों से भी जुड़े हैं. दिल्ली पुलिस की त्वरित और तकनीकी दक्षता के चलते इस जाल को बेनकाब किया जा सका. पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध लिंक या निवेश ऑफर से पहले सत्यापन करने की अपील की है.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें

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