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Moradabad News: मुरादाबाद में हेपेटाइटिस सी (काला पीलिया) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिला अस्पताल में जांच रिपोर्ट में देरी और प्राइवेट रिपोर्ट पर दवाई न मिलने से मरीज परेशान हैं. सीएमओ ने टिप्पणी करने से …और पढ़ें

हेपेटाइटिस सी की जांच के लिए परेशान हो रहे मरीज.
हाइलाइट्स
- मुरादाबाद में हेपेटाइटिस सी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
- जिला अस्पताल में रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है.
- प्राइवेट रिपोर्ट पर दवाई नहीं मिल रही है.
पीयूष शर्मा/ मुरादाबाद: यूपी के मुरादाबाद में हेपेटाइटिस सी वायरस ( काला पीलिया) के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जिला अस्पताल में दवाई लेने के लिए मरीजों की लंबी भीड़ लग रही है, लेकिन इन दिनों उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं मरीजों को अपनी जांच रिपोर्ट के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में वायरल लोड की जांच की रिपोर्ट डेढ़ से दो महीने में मिल रही है. जब तक रिपोर्ट नहीं आती, तब तक स्टाफ मरीजों को दवाई नहीं देता, जिस कारण मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हैं और चिकित्सा विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.
डेढ़ से दो महीने में आती है रिपोर्ट
सुबह होते ही जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस सी ( काला पीलिया) के मरीजों की भीड़ जमा हो जाती है. पहले, जिन मरीजों का हेपेटाइटिस सी रिएक्टिव आता था, वे प्राइवेट में जांच कराकर जिला अस्पताल से दवाई ले लेते थे. हालांकि, प्राइवेट में यह जांच 1500 रुपये से ज्यादा की होती है, जबकि जिला अस्पताल में यह जांच फ्री होती है. लेकिन जिला अस्पताल में की गई जांच की रिपोर्ट डेढ़ से दो महीने में मिलती है. इस दौरान मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है. इसे देखते हुए, मरीज अब अपनी जांच प्राइवेट में कराकर जिला अस्पताल से दवाई लेने आते हैं, लेकिन अब उन्हें प्राइवेट रिपोर्ट के आधार पर दवाई नहीं दी जा रही है. इस कारण मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
प्राइवेट रिपोर्ट पर नहीं मिलती कोई दवा
हेपेटाइटिस सी की जांच कराने आईं विद्या और रूबी ने बताया, “हमने अपनी जांच प्राइवेट लैब में करवाई थी और जिला अस्पताल में दवाई लेने आए थे, लेकिन हमें दवाई नहीं दी जा रही है. स्टाफ का कहना है कि सीएमओ ने प्राइवेट रिपोर्ट के आधार पर दवाई देने से मना कर दिया है, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था. यह नया नियम कुछ दिनों से लागू हुआ है. अब हमारी स्थिति बहुत गंभीर हो चुकी है और हमारे वायरस की संख्या लाखों में पहुंच चुकी है. अगर हम सरकारी अस्पताल में जांच कराकर दवाई लेने का इंतजार करेंगे, तो हमारी जान को खतरा हो सकता है, क्योंकि हालत लगातार बिगड़ती जा रही है”.
सीएमओ और डिप्टी सीएमओ का जवाब
इस मुद्दे पर जब मुरादाबाद के सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह और डिप्टी सीएमओ डॉ
एस.के बेनीवाल से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
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