[ad_1]
Last Updated:
Opium farming barabanki : अफीम कार्यालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. किसानों का कहना है कि मौसम की मेहरबानी से इस बार पैदावार ठीकठाक हो गई है. डेढ़ महीने बाद उनकी फसल का भुगतान हो जाएगा.

किसानों के लिए की गई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
हाइलाइट्स
- बाराबंकी समेत कई जिलों में अफीम की पैदावार अच्छी हुई.
- 16 से 18 अप्रैल तक अफीम जमा की जाएगी.
- किसानों को फसल की कीमत डेढ़ महीने बाद मिलेगी.
Opium farming/ बाराबंकी. जिले का अफीम कार्यालय आज से गुलजार हो गया है. किसानों ने अपनी अफीम की पैदावार यहां लाकर जमा कराना शुरू दिया है. छह जिलों के किसानों के लिए बाराबंकी के इस अफीम कार्यालय परिसर में टेंट लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. किसानों के बैठने और अन्य सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया है. यूपी में सबसे ज्यादा अफीम की पैदावार बाराबंकी में होती है. इसलिए बाराबंकी सहित मऊ, गाजीपुर, रायबरेली, लखनऊ और अयोध्या जिलों में होने वाली अफीम की खेती के लाइसेंस बाराबंकी से ही जारी किए जाते हैं.
लेना होता है लाइसेंस
इस बार 3083 किसानों को अफीम की खेती करने के लाइसेंस मिले थे, जिनमें से 629 किसानों को चीरा लगाने की अनुमति थी. बाकी किसानों को जीपीएस आधारित लाइसेंस मिले थे, जिसके तहत उन्हें अफीम निकालने की इजाजत नहीं थी. इनमें से करीब 2000 किसान बाराबंकी के थे. अफीम किसानों का कहना है कि मौसम अनुकूल रहने के कारण इस बार पैदावार ठीक हुई है. वे कहते हैं, ‘हम यहां अपनी अफीम जमा करने आए हैं.’ विभाग के अनुसार, 16 से 18 अप्रैल तक अफीम जमा होने के बाद डोडे जमा होंगे. किसानों को उनके फसल की कीमत करीब डेढ़ महीने बाद मिल जाएगी.
खुद खरीदती है सरकार
जिला अफीम अधिकारी करुण बिलग्रामी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार अफीम की पैदावार ठीक रही है. पिछले साल 69 किसानों ने चीरा लगाया था. इस बार करीब 300 किसानों ने चीरा लगाया है. तीन दिन तक तौल होगी. विभाग इस दौरान बाराबंकी, मऊ, गाजीपुर, रायबरेली, लखनऊ और अयोध्या जिलों के किसानों से अफीम लेगा. इस बार 3083 अफीम के किसानों को खेती की अनुमति दी गई थी. विभाग इन सभी किसानों से अफीम खरीदेगा.
[ad_2]
Source link