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मुरादाबाद के कर्षि वैज्ञानिक डॉ दीपक मेहंदी रत्ता ने बताया कि कि लोबिया की खेती के लिए उन्नत किस्म का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण काम होता है. आज हम आपको लोबिया की एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे है. जो बहुत अधिक…और पढ़ें

मुरादाबाद के कर्षि वैज्ञानिक डॉ दीपक मेहंदी रत्ता ने बताया कि लोबिया की खेती के लिए उन्नत किस्म का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण काम होता है. आज हम आपको लोबिया की एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे हैं जो बहुत अधिक पैदावार देने के लिए जानी जाती है. इस किस्म की फलियाँ हल्के हरे रंग की 26-28 सेमी लंबी होती हैं. इसकी खेती से न सिर्फ ज्यादा उत्पादन मिलता है, बल्कि ये कई रोग के प्रतिरोधी भी होती है.

लोबिया की पूसा बरसाती किस्म की बुवाई के लिए मई-जून का महीना सबसे उपयुक्त होता है. इसके पौधे बीज द्वारा लगाए जाते हैं. इसकी बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए. बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 50-60 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है.

बीजों को 4-5 सेमी की गहराई पर बोना चाहिए और दो पौधों के बीच 20-25 सेमी का और दो लाइनों के बीच 40-45 सेमी का अंतर रखना चाहिए. बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 50 दिनों में तैयार हो जाती है.

एक हेक्टेयर में लोबिया की पूसा बरसाती किस्म की खेती करने से करीब 85-100 क्विंटल की पैदावार देखने को मिलेगी. आप इसकी खेती से 1 से 2 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते हैं. ये लोबिया की उच्च उपज देने वाली लोकप्रिय किस्म है.

मुरादाबाद के किसान लोबिया की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन दोनों मुरादाबाद के बिलारी के किसान इस खेती को कर रहे हैं, जिसमें उन्हें बहुत अच्छा मुनाफा हो रहा है और वह दूसरों को भी इस खेती को करने के लिए प्रेरणा दे रहे हैं.
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