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Jagannath Rath Yatra Pilibhit : ओडिशा की मशहूर जगन्नाथ रथयात्रा के बारे में कौन नहीं जानता. इस दिन भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर शहरवासियों को दर्शन देते हैं. पीलीभीत में भी रथयात्रा निकाली जाती रही है.

पीलीभीत. जगन्नाथ पुरी जाने के बारे में सोच रहे भक्तों के लिए अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हूबहू जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर रथयात्रा निकलने वाली है. यह रथ यात्रा समूचे रूहेलखंड में एकमात्र है. इस आयोजन का इतिहास 350 साल से भी अधिक पुराना है. इस वर्ष ये रथयात्रा 27 जून को निकाली जाएगी. आप सबने ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर की रथयात्रा की तस्वीरें जरूर देखी होंगी. मान्यता है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर शहर वासियों को दर्शन देते हैं. ठीक इसी तर्ज पर पीलीभीत में भी सैकड़ों साल से रथयात्रा निकाली जाती रही है.

धीर-धीरे गहराती गई आस्था 

पीलीभीत शहर के चरक कुआं स्थित जगन्नाथ मंदिर के पुजारी आचार्य विष्णु शंखधार के मुताबिक, उनके पूर्वज पंडित जयनारायण को कोई पुत्र नहीं था. इसके लिए उन्होंने ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर में जा कर पूजा-अर्चना की और वहां से लाई अष्टधातु की मूर्ति की स्थापना शहर के चरक कुआं पर कर दी. बाद तत्कालीन ब्रिटिश सरकार से अनुमति लेकर यहां भी पुरी की ही तरह रथ यात्रा निकालने लगे. इसके बाद से भगवान जगन्नाथ लगातार शहरवासियों को दर्शन देने लगे. धीर-धीरे लोगों की आस्था गहराती गई और यह एक परंपरा बन गई. तब से आज तक ये होती आई है. पीलीभीत जिले के गजेटियर में दी गई जानकारी के अनुसार, इस साल 27 जून को इस यात्रा का 365वां वर्ष पूरा हो जाएगा.

यात्रा के दौरान एक और अनोखी परंपरा देखने को मिलती है. रथयात्रा के रास्ते में पड़ने वाले सभी मंदिरों के पुजारी रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ का पूजन करते हैं. ऐसे में न केवल भगवान जगन्नाथ मंदिर में बल्कि शहर के तमाम मंदिरों में कई दिनों पहले से ही इस रथयात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं.

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