Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

Last Updated:

आनंद पंडित ने बॉलीवुड में रीमेक पर बढ़ती निर्भरता पर चिंता जताई और मौलिक कहानियों की वापसी की अपील की. उन्होंने ‘थुदरम’ की सफलता का उदाहरण देते हुए क्रिएटिविटी और कारोबार में संतुलन की जरूरत बताई.

बॉलीवुड में बन रहे धड़ाधड़ रीमेक तो प्रोड्यूसर को आया गुस्सा, समझा डाला कारोबार और क्रिएटिविटी का पूरा तामझाम

हाइलाइट्स

  • आनंद पंडित ने रीमेक पर बढ़ती निर्भरता पर चिंता जताई.
  • मौलिक कहानियों की वापसी की अपील की.
  • क्रिएटिविटी और कारोबार में संतुलन जरूरी बताया.

मशहूर फिल्म निर्माता आनंद पंडित ने बॉलीवुड में रीमेक पर बढ़ती निर्भरता पर चिंता जताई है. उन्होंने हिंदी सिनेमा जगत से मौलिक कहानी कहने की कला को फिर से अपनाने की अपील की. पंडित ने बॉलीवुड के सुनहरे दौर को याद करते हुए कहा कि पहले ऑरिजनल कहानियों ने हिंदी सिनेमा को खास बनाया था. लेकिन, आज फिल्म निर्माता साउथ और रिजनल सिनेमा से प्रेरणा ले रहे हैं या उनकी रीमेक बना रहे हैं. उन्होंने इसे रचनात्मकता की कमी का कारण बताया.

आनंद पंडित ने कहा, “मौलिकता हिंदी सिनेमा की ताकत थी. अब हम रीमेक और दूसरी भाषाओं की फिल्मों पर निर्भर हो रहे हैं, जो सही नहीं है. मुझे उम्मीद है कि फिल्म निर्माता नई और जीवंत कहानियां लाएंगे, जो गुणवत्ता और ताजगी से भरपूर हों. ‘बिग बुल’ जैसी कई सफल फिल्मों का निर्माण कर चुके आनंद पंडित का मानना है कि रीमेक कहानियों पर निर्भरता लंबे समय तक कारगर नहीं है.

सिर्फ बिजनेस एंगल से नहीं देखना चाहिए

उन्होंने बताया, “फिल्में जुनून और रचनात्मकता के साथ बननी चाहिए. उन्हें सिर्फ बिजनेस के एंगल से नहीं देखा जाना चाहिए. लेखक और निर्देशक का विजन फिल्म में दिखना चाहिए.”

थुदरम की तारीफ की

पंडित ने मलयालम फिल्म ‘थुदरम’ की हालिया सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि मौलिक कहानियां आज भी दर्शकों को आकर्षित करती हैं.

क्रिएटिविटी और कारोबार दोनों में संतुलन जरूरी

‘थैंक गॉड’ के निर्माता ने बताया कि एक अच्छी फिल्म के लिए क्रिएटिविटी और कारोबार का संतुलन जरूरी है. मजबूत कहानी और नए विचार सिनेमा की नींव हैं, लेकिन बाजार की जरूरतों को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.

ये भी कहा

उन्होंने कहा, “फिल्म का हिट या फ्लॉप होना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर निर्भर नहीं करता. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप उसमें रचनात्मक और वित्तीय रूप से कितना निवेश करते हैं. अगर फिल्म निर्माता सार्थक कहानियों के बजाय सिर्फ प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देंगे, तो बॉक्स ऑफिस पर असर पड़ेगा. रचनात्मकता और व्यवसाय को मिलकर चलना होगा, वरना दर्शकों से जुड़ना मुश्किल हो जाएगा.”

authorimg

Varsha

न्यूज 18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहीं वर्षा का डिजिटल मीडिया में 8 सालों का अनुभव है। एंटरटेनमेंट रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म रिव्यू, इंटरव्यू और विश्लेषण इनकी विशेषज्ञता है। वर्षा ने जामिया मिल्…और पढ़ें

न्यूज 18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहीं वर्षा का डिजिटल मीडिया में 8 सालों का अनुभव है। एंटरटेनमेंट रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म रिव्यू, इंटरव्यू और विश्लेषण इनकी विशेषज्ञता है। वर्षा ने जामिया मिल्… और पढ़ें

homeentertainment

बॉलीवुड में बन रहे धड़ाधड़ रीमेक तो प्रोड्यूसर को आया गुस्सा, कही ये बात

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment