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Paddy Farming Tips : धान के खेतों में घास और खरपतवार बड़ी समस्या है. इन खरपतवारों का फसल की बुवाई से पहले अगर नियंत्रण न किया जाए तो यह बाद में फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे उत्पादन में गिरावट आती है. ऐसे मे…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- धान की खेती में खरपतवार नाशक का उपयोग करें.
- 15 लीटर पानी में 200ml ग्लाईफोसेट मिलाएं.
- खरपतवार नाशक छिड़काव से उत्पादन बढ़ाएं.
शाहजहांपुर : भारत में ज़्यादातर किसान खरीफ सीजन में धान की खेती करते हैं. कुछ राज्यों में किसान साल में दो बार भी धान की खेती करते हैं. वहीं छत्तीसगढ़, केरल समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में धान की खेती साल भर की जाती है, जबकि उत्तर भारत के किसान बरसात के मौसम में धान की खेती करते हैं. ऐसे में अगर आप भी धान की खेती कर अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना पड़ेगा.
खरपतवार से होता है फसल को नुकसान
प्रगतिशील युवा किसान रणजोध सिंह ने बताया कि खरपतवार फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. क्योंकि यह खरपतवार बाद में मुख्य फसल के पौधों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. जिससे उत्पादन में गिरावट आती है. किसान खरपतवारों के निस्तारण के लिए निराई गुड़ाई करते हैं. फावड़े की मदद से खरपतवारों को उखाड़कर खेत में फेंक देते हैं. कई बार यह खरपतवार फिर से उग आते हैं. ऐसे में रासायनिक तरीके से इनका निस्तारण करना चाहिए. बहुत से खरपतवार नाशी आते हैं. जिनका छिड़काव करने से यह मर जाते हैं.
कैसे करें खरपतवार की रोकथाम?
अगर धान की फसल की रोपाई कर रहे हैं तो खेत को तैयार करने से पहले खरपतवारों को नष्ट कर लेना चाहिए. जिसके लिए किसान ग्लाईफोसेट (Glyphosate) नाम के खरपतवार नाशक का छिड़काव कर सकते हैं. इसका छिड़काव करने के बाद खरपतवार पूरी तरह से सूख जाते हैं. दोबारा नहीं उगते है. ध्यान रखें कि खरपतवार नाशक का छिड़काव करते समय पास में कोई अन्य फसल ना खड़ी हो अन्यथा हवा के जरिए खरपतवार नाशक की बूंदे दूसरी फसल पर गई तो फसल को नुकसान हो सकता है. किसान 15 लीटर पानी में 200ml ग्लाईफोसेट (Glyphosate) खरपतवार नाशक का इस्तेमाल करें.
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