[ad_1]
Last Updated:
Adulterated food items: खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त ‘सुधीर कुमार सिंह’ ने कहा कि मिलावट के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. छापेमारी में कई दुकानों पर एक्सपायरी दही मिली. जिसके बाद 600 किलो दही जब्त की गई. कई ज…और पढ़ें

एक्सपायरी दही मिली जिसके बाद 600 किलो दही को जप्त भी किया गया था.
गोरखपुर में गर्मियों के मौसम में अब पनीर के बाद दही भी मिलावटखोरों के निशाने पर आ गया है. शहर के कई हिस्सों में नकली दही बेचे जाने की शिकायतें मिल रही है. हाल ही में खाद्य सुरक्षा विभाग की छापेमारी में लगभग 600 किलो एक्सपायरी दही जब्त की गई है. यह वही दही है जिसका उपयोग गर्मियों में लस्सी, टिकिया या रायता बनाने में सबसे अधिक होता है.
पाउडर से बनी दही
शहर में ऐसे मामले भी सामने आए है. जहां दही ‘मिल्क पाउडर और केमिकल्स’ से बनाई जा रही है. लोग इसे शुद्ध दही समझकर खरीद रहे है, लेकिन यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है. गर्मियों में दही और लस्सी का सेवन फायदेमंद है. लेकिन मिलावटी दही से नुकसान हो सकता है. इसलिए सतर्क रहना जरूरी है.
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त ‘सुधीर कुमार सिंह’ ने कहा कि मिलावट के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. छापेमारी में कई दुकानों पर एक्सपायरी दही मिली. जिसके बाद 600 किलो दही जब्त की गई. कई जगहों से दही के सैंपल जांच के लिए भेजे गए है और पाउडर से बनी दही भी बाजार में बेची जा रही है. खाद्य सुरक्षा टीम ने कई जगहों से सैंपल लिए है.
स्थानीय दुकानदारों की राय
गोरखपुर के असुरन इलाके में लस्सी बेचने वाले ‘लाले भाई’ के बेटे अंशु का कहना है कि उनकी दुकान की लस्सी में घर की बनी भैंस की दही का ही इस्तेमाल होता है. “हम खुद दही बनाते हैं ताकि हमारे ग्राहकों को कोई दिक्कत न हो,” उन्होंने कहा दही की खुशबू और स्वाद पर ध्यान दें. ज्यादा सफेद और अधिक गाढ़ी दही से सतर्क रहे. हमेशा रेगुलर और भरोसेमंद दुकानदार से ही खरीदें. शक होने पर खाद्य विभाग से शिकायत करें.
[ad_2]
Source link