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Hulka Devi Mata Mandir Moradabad : ये मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है. ये 500 साल से अधिक पुराना प्राचीन सिद्ध पीठ है. यहां होली के अगले दिन से लगने वाले मेले में भीड़ देखते ही बनती है.

इस मंदिर से लाखों भक्तों की जोड़ी है आस्था।
हाइलाइट्स
- श्री हुल्का देवी माता मंदिर 500 साल पुराना है.
- चैत्र नवरात्रि में मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है.
- मंदिर में 14 दिवसीय बासौड़ा मेला लगता है.
मुरादाबाद. चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी है. मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है. भक्त माता की भक्ति में लीन होकर मंत्रमुग्ध हो रहे हैं. इस बार माता रानी का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो देश की खुशहाली के लिए बहुत अच्छा है. मुरादाबाद में माता के सभी मंदिरों में मेले जैसे माहौल देखने को मिल रहा है. शहर के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर खचाखच भरे हैं. इन्हीं में से एक हुल्का देवी माता का मंदिर है, जिसकी दूर-दूर तक मान्यता है. मुरादाबाद के कपूर कंपनी स्थित श्री हुल्का देवी माता मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है. ये 500 साल से अधिक पुराना प्राचीन सिद्ध पीठ है. यहां पर होली के अगले दिन से लगने वाले 14 दिवसीय बासौड़ा मेले में लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर प्रसाद चढ़ाने आते हैं.
बहुत पुराना त्रिशूल
श्री हुल्का देवी माता मंदिर को शीतला माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यहां के महंत पंडित ब्रह्मानंद गोस्वामी बताते हैं कि मंदिर वाले स्थान पर कई सदी पहले सैनिक छावनी थी. अंग्रेजों की सेना भी यहीं रहती थी. एक दिन एक अंग्रेज सैनिक के बच्चे की तबीयत खराब हो गई, तब शीतला माता स्वयं अवतरित हुई थीं. उसके बाद यहां मठ (चामुंडा मंदिर) बना, जिसमें माता की स्वयं प्रकट हुईं. मूर्ति को स्थापित किया गया. यहां आज भी वर्षों पुराना माता का त्रिशूल मौजूद है.
कैप्टन के सपने में माता
यहां पर पहले महंत गिरी बाबा का स्थान हुआ करता था. बाद में उनके शिष्य भागीरथ दास और हरद्वार गोस्वामी ने मठ से मंदिर का निर्माण कराया. महंत गोस्वामी ने बताया कि मंदिर परिसर में सैनिक छावनी थी, जहां अधिकतर जवान आए दिन बीमार रहते थे. एक दिन छावनी के कैप्टन को शीतला माता ने स्वप्न में आकर कहा कि अगर तुम्हारे सैनिक मंदिर में मेरी पूजा-अर्चना करेंगे तो वो ठीक हो जाएंगे. उनकी बीमारी दूर हो जाएगी. इसके बाद छावनी के कैप्टन ने अपने सैनिकों के साथ माता रानी के दर्शन किए. प्रसाद चढ़ाया और पूजा-अर्चना की. ये घटना यहां काफी फेमस है.
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