Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

Last Updated:

kanpur news today hindi: यूपी के आईटी उपकरण, स्मार्टफोन, लैपटॉप, इंजीनियरिंग गुड्स, केमिकल उत्पाद, चमड़ा और कृषि उत्पादों की विदेशों में जबरदस्त मांग है.

X

अंतरराष्ट्रीय बाजार पर रुपया हुआ कमजोर, एक्सपोर्टर हुए खुश, कानपुर की इस इंडस्ट्री में आई बूम

फियो

कानपुर: अंतरराष्ट्रीय बाजार पर डॉलर की तुलना में रुपया लगातार गिर रहा है जिससे महंगाई भी बढ़ रही है. रुपये की गिरती कीमतों ने जहां आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है वहीं निर्यातकों के चेहरे भी खिले हैं. विदेशों में भारतीय सामान सस्ता हो गया है, जिससे निर्यातकों के पास ऑर्डर की बाढ़ आ गई है. खासकर यूपी के कानपुर, आगरा, नोएडा और लखनऊ जैसे शहरों में चमड़ा, टेक्सटाइल, आईटी और कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी आई है.

रुपये की गिरावट से निर्यातकों को फायदा
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि जब भी रुपया कमजोर होता है तो विदेशी खरीदारों को भारतीय सामान सस्ता लगता है. इसका सीधा फायदा हमारे निर्यातकों को मिलता है. पिछले कुछ महीनों में कानपुर समेत उत्तर प्रदेश के टेक्सटाइल, आईटी, फुटवियर, और कृषि उत्पादों के निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.

कानपुर का चमड़ा कारोबार हुआ गुलजार
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के पूर्व चेयरमैन मुख्तरुल अमीन ने बताया कि रुपये की कमजोरी ने हमारे कारोबार को नई रफ्तार दी है. यूरोप, अमेरिका और खाड़ी देशों से बड़े-बड़े ऑर्डर मिल रहे हैं. इससे उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह ग्रोथ और तेज होगी.

यूपी का निर्यात कारोबार बढ़ा
विदेश व्यापार मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में कानपुर का कुल निर्यात 9,000 करोड़ रुपये था. वहीं, अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक ही यह आंकड़ा 5,500 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. सरकार का लक्ष्य इसे सालभर में 9,500 करोड़ रुपये तक ले जाना है. यूपी के कुल निर्यात की बात करें तो यह अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 के बीच 1.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 10-15% ज्यादा है.

यह उत्पाद उत्पाद हो रहे हैं निर्यात
यूपी के आईटी उपकरण, स्मार्टफोन, लैपटॉप, इंजीनियरिंग गुड्स, केमिकल उत्पाद, चमड़ा और कृषि उत्पादों की विदेशों में जबरदस्त मांग है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में इनका निर्यात और बढ़ सकता है.

निर्यातकों के लिए खुशी, लेकिन चिंता भी
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य कहते हैं, “रुपये की कमजोरी से निर्यात बढ़ता है, लेकिन जिन कारोबारियों को आयात करना पड़ता है, उनकी चिंता भी बढ़ जाती है. जिन उद्योगों में कच्चा माल बाहर से मंगाया जाता है, वहां लागत बढ़ सकती है. मार्च 2025 तक भारत का निर्यात कारोबार 800 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर रुपये की स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो यह लक्ष्य आसानी से पूरा हो सकता है. रुपये की गिरावट ने यूपी के निर्यातकों के लिए अच्छे दिन ला दिए हैं. खासकर कानपुर, आगरा और नोएडा जैसे शहरों में निर्यातकों को जमकर ऑर्डर मिल रहे हैं. हालांकि, इससे आयात करने वाले कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अब देखना यह होगा कि सरकार इस स्थिति को संतुलित करने के लिए क्या कदम उठाती है.

homeuttar-pradesh

अंतरराष्ट्रीय बाजार पर रुपया हुआ कमजोर, कानपुर के एक्सपोर्टर हुए खुश

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment