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Nalasopara Scam: आयकर विभाग में ड्राइवर की नौकरी करने वाले सिर्फ छठी पास रिंकु शर्मा ने खुद को आयकर आयुक्त (आई.आर.एस.) अधिकारी बताकर कई लोगों से करोड़ों की ठगी की.

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दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी

नालासोपारा: महाराष्ट्र के नालासोपारा में आयकर विभाग (Income Tax Department) में उच्च पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक फर्जी आयकर आयुक्त (Fake Income Tax Commissioner) ने करीब दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की. इस मामले में पेल्हार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई, जिसके बाद आरोपी रिंकु शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. पेल्हार पुलिस थाने में एक पीड़ित ने शिकायत की थी कि आरोपी रिंकु शर्मा ने खुद को आयकर आयुक्त बताकर उसके बेटे को नौकरी दिलाने का वादा किया और 10 लाख रुपये की ठगी की. इस आधार पर मीरा-भाईंदर वसई-विरार आयुक्तालय की अपराध शाखा (Crime Branch of Mira-Bhayander Vasai-Virar Commissionerate) ने जाल बिछाकर आरोपी को तळोजा से गिरफ्तार किया. जांच में पता चला कि आरोपी ने 40 लोगों से ठगी की है.

फर्जी पहचान पत्र और नियुक्ति पत्र का खेल
रिंकु शर्मा, जो सिर्फ छठी पास है और आयकर विभाग में ठेका पद्धति पर ड्राइवर के रूप में काम करता था, ने खुद को आयकर आयुक्त (I.R.S.) अधिकारी बताकर लोगों को झांसा दिया. उसने पीड़ितों से 5 लाख रुपये लेकर फर्जी पहचान पत्र और नियुक्ति पत्र दिए. हालांकि, नौकरी नहीं दी.

बता दें कि रिंकु शर्मा बीकेसी स्थित आयकर कार्यालय में ड्राइवर के रूप में काम करता था. उसने अधिकारियों की नकल कर और महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल कर लोगों को प्रभावित किया. उसकी गाड़ी में आयकर विभाग का लोगो और बत्ती लगी होती थी, जिससे किसी को उस पर शक नहीं हुआ.

40 से अधिक पीड़ित, ठगी की रकम करोड़ों में
पुलिस जांच में सामने आया है कि रिंकु शर्मा ने 40 से अधिक लोगों से ठगी की और यह संख्या और भी बढ़ सकती है. अब तक ठगी की रकम एक से दो करोड़ रुपये के बीच आंकी गई है. उसने सरकारी मुहर लगे फर्जी जॉइनिंग लेटर और पहचान पत्र देकर लोगों से टुकड़ों में पैसे वसूले.

आयकर कार्यालय तक ले जाकर बढ़ाया विश्वास
रिंकु शर्मा लोगों को बीकेसी स्थित आयकर विभाग के कार्यालय तक ले जाता था और वहां नाश्ता कराकर बाहर भेज देता था. इस कारण लोगों को उस पर विश्वास हो गया, लेकिन जब गहराई से जांच की गई, तो ठगी का पर्दाफाश हुआ.

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पुलिस की कार्रवाई और हिरासत
भिलार पुलिस की जांच के दौरान मीरा-भाईंदर वसई-विरार आयुक्तालय की यूनिट 3 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रमोद बड़ा की टीम ने आरोपी को तळोजा से गिरफ्तार किया. उसे वसई कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

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