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अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर एनएसजी सुरक्षा वापस लेने को लेकर तीखा हमला बोला, इसे डराने की साजिश बताया. बीजेपी ने इसे तकनीकी फैसला कहा और सस्ती लोकप्रियता का आरोप लगाया.

अखिलेश यादव ने इतने दिनों बाद अपनी एनएसजी सिक्योरिटी छिनने का मुद्दा उठाया.
हाइलाइट्स
- अखिलेश यादव ने एनएसजी सुरक्षा वापस लेने पर केंद्र सरकार पर हमला बोला.
- बीजेपी ने एनएसजी सुरक्षा वापस लेने को तकनीकी फैसला बताया.
- अखिलेश का बयान यूपी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच आया.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘जिस दिन तुमने मेरी एनएसजी सिक्योरिटी वापस ली थी, उसी दिन मुझे तुम्हारी नियत और मंशा समझ आ गई थी. तुम हमें डराना चाहते हो. लेकिन जो असल में डरपोक हैं, वो एनएसजी की सुरक्षा रखे हुए हैं.’ अखिलेश यादव के इस बयान पर सियासी हंगामा शुरू हो गया है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या अखिलेश यादव को वाकई कोई डर सता रहा है? या फिर यह बयान केंद्र सरकार पर सियासी दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है?
दरअसल, अखिलेश यादव को 2012 में यूपीए सरकार के दौरान जेड-प्लस श्रेणी की एनएसजी सिक्योरिटी दी गई थी. तब वे यूपी के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, और खुफिया एजेंसियों ने उनके लिए खतरे की आशंका जताई थी. हालांकि, 2019 में केंद्र की बीजेपी सरकार ने अखिलेश यादव की एनएसजी सिक्योटिरी वापस ले ली. गृह मंत्रालय ने कहा कि इसकी नियमित तौर पर समीक्षा की जाती है और अब अखिलेश यादव के लिए खतरे का स्तर उतना गंभीर नहीं है. तब एनएसजी की जगह अखिलेश यादव को यूपी पुलिस की सिक्योरिटी दी गई थी. उस समय तो अखिलेश यादव ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन मंगलवार को जिस तरह उन्होंने सवाल उठाया, उससे साफ है कि अखिलेश यादव उसे भूले नहीं हैं.
“जिस दिन तुमने एनएसजी वापस ली थी उसी समय नियत और मंशा समझ गया था कि डराने चाहते हो, जो डरपोक लोग हैं वो एनएसजी रखे हुए हैं।”
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/3ZpVKZ0Hxm
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 15, 2025
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