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Agency:News18 Madhya Pradesh
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Heart Attack CPR : सागर के जमुनिया चिखली का एक स्कूल. स्कूल में बीते दिनों एक प्रशिक्षण हुआ. यह प्रशिक्षण सीपीआर का था. किसे पता था कि यह प्रशिक्षण स्कूल के जिस प्रागण में हो रहा, उसी में किसी दिन इसका असर भी द…और पढ़ें
छात्राएं
हाइलाइट्स
- हार्ट अटैक आने पर छात्राओं ने शिक्षक को सीपीआर देकर जान बचाई.
- कलेक्टर ने छात्राओं को सम्मानित कर उनकी सराहना की.
- छात्राओं ने डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करने का संकल्प लिया.
सागर. सागर में एक शिक्षक को अचानक हार्ट अटैक आ गया. सभी तरफ अफरा-तफरी मच गई. लोग परेशान हो गए. इसी बीच दो छात्राओं ने शांत दिमाग से धैर्यपूर्वक ऐसा कदम उठाया. बच्चों ने उन्हें सीपीआर दिया. इस मामले के बाद दोनों छात्राओं की पूरे जिले में खूब तारीफ हो रही है. मामला जब जिलाधिकारी को पता चला तो उन्होंने बच्चों को कलेक्ट्रेट बुलाकर सम्मानित किया. उनकी सराहना की. कलेक्टर ने पुष्प गुच्छ देकर 28 विभागों के अधिकारी कर्मचारियों के सामने यह सम्मान किया है.
सभी अधिकारियों ने तालियां बजाकर उनका उत्साह वर्धन किया. कलेक्टर ने छात्राओं से पढ़ाई-लिखाई को लेकर भी बातचीत की. यह प्रशिक्षण कब मिला था? कैसे मिला था? इसको लेकर जानकारी ली. जब उनसे पूछा कि अब आगे क्या करेंगी तो जवाब मिला कि डॉक्टर ही बनेंगी.
छात्राओं ने साझा किया CPR का अनुभव
मामला जमुनिया चिखली स्कूल का है. शिक्षक को समय पर सीपीआर देकर मौत के मुंह से बाहर लाने वाली छात्राओं का नाम निशिका और प्रतीक्षा है. छात्राओं ने लोकल 18 से बात की. उन्होंने बताया कि इस घटना से करीब 25 दिन पहले 20 दिसंबर को उनके स्कूल में यह प्रशिक्षण दिया गया था. सीपीआर का प्रैक्टिकल भी मैंने किया था. ऐसे में जब हमारे शिक्षक को गणतंत्र दिवस समारोह के बाद अचानक हार्ट अटैक आया, तो हम लोगों ने करीब 10 मिनट तक सीपीआर दिया. ऐसा करने से उनको होश आ गया. इसके बाद अस्पताल भेजा तो उनका इलाज हुआ. अब वह ठीक हैं.
कलेक्टर से बोली डॉक्टर बनकर जान बचाएंगे
उन्होंने आगे बताया कि, आज कलेक्टर साहब ने जो हम लोगों का सम्मान किया है, उससे खुशी का ठिकाना नहीं है. हमारा पूरा स्कूल स्टाफ खुश है. परिवार के लोगों में भी बहुत खुशी है. उन्होंने आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया है. अब आगे चलकर हम लोग डॉक्टर बनेंगे. डॉक्टर इसलिए बनना है ताकि इसी तरह से समाज की सेवा करने का अवसर मिल सके. लोगों की जान बचा सकें और कुछ हर बार नया सीखने के लिए मिलता रहे.
हर बच्चे को कुछ नया सीखना चाहिए
दोनों छात्राएं 11वीं कक्षा में पढ़ती हैं. बायो स्ट्रीम से पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने अन्य बच्चों के लिए भी कहा कि पढ़ाई के अलावा कुछ नया सीखने का भी प्रयास करना चाहिए. हमारे स्कूल में प्रशिक्षण हुआ. हमने इसमें सीखा. इसका परिणाम यह हुआ कि हम लोग अपने गुरु जी को बचाने में सफल हुए. इससे ज्यादा कुछ अच्छी बात तो हो ही नहीं सकती है.
Sagar,Madhya Pradesh
February 03, 2025, 20:11 IST
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