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भावनाएं और नींद का गहरा संबंध है. खुशी अच्छी नींद में मदद करती है, जबकि उदासी अनिद्रा का कारण बनती है. अच्छी नींद मानसिक स्वास्थ्य सुधारती है. सोने से पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं.
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इस मूड में इंसान को आती है अच्छी नींद.
हाइलाइट्स
- भावनाएं और नींद का गहरा संबंध है.
- खुशी अच्छी नींद में मदद करती है.
- सोने से पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं.
अधिकतर इंसान ऐसे हैं जिनको रात में देर तक जगने की आदत होती है. इसपर कई रिसर्च भी की जा चुकी है कि आखिर लोगों को जल्दी नींद क्यों नहीं आती है? हाल ही में हुई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इंसान की भावनाएं उसकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं. हमारी भावनाएं और नींद का आपस में गहरा संबंध है. खुशी और सकारात्मक भावनाएं जहां अच्छी और लंबी नींद में मदद करती हैं, वहीं उदासी और डिप्रेशन अनिद्रा और खराब नींद का कारण बन सकते हैं.
स्टडी के अनुसार, जो लोग खुश और संतुष्ट रहते हैं, वे अधिक समय तक और बेहतर नींद लेते हैं. उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, जिससे उनका शरीर और मस्तिष्क आराम की स्थिति में जल्दी आ जाता है. इसके विपरीत, जो लोग डिप्रेशन, चिंता या उदासी का सामना कर रहे होते हैं, उनकी नींद की गुणवत्ता खराब हो जाती है. ऐसे लोगों को नींद आने में अधिक समय लग सकता है और वे बार-बार नींद से जाग सकते हैं.
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