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Delhi News: दिल्ली में एक ऐसा चोर गिरोह घूम रहा था जो बैग कलर देख कर चोरी कर रहा था. वहीं अब कफी मशक्कतों के बाद ये गिरोह पुलिस के पंजे में फंस गया है. लेकिन ये गिरोह ऐसा करता क्यों था? चलिए जानते हैं.

पकड़ा गया चोरों का गिरोह
दरअसल, यह गिरोह केवल काले और नीले रंग के बैग को निशाना बनाते थे. ऐसा वे इसलिए करते थे क्योंकि किसी को शक न हो. चोरी के बाद वे अपने बैग को चोरी किए गए बैग की जगह रख देते थे, जिससे वे आसानी से भीड़ में गायब हो जाते थे. यह गैंग रेलवे स्टेशनों के आसपास के होटलों में ठहरता था. गिरोह के पास पास हमेशा काले और नीले रंग के बैग रहते थे जो सामान्य दिखते थे. ये चोर स्टेशन पर यात्रियों के बैग चुराते और तुरंत अपने बैग को वहां रख देते. यह तरीका वे सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए अपनाते थे. चोरी के बाद वे होटल लौट जाते और बिना किसी शक के वहां से निकल जाते.
यह सनसनीखेज मामला 3 जुलाई, 2025 को सामने आया जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के कोच A-1 से पांच बैग चोरी होने की शिकायत दर्ज की गई. संयुक्त पुलिस आयुक्त विजय सिंह ने बताया कि चारों आरोपी बिहार के रहने वाले हैं और इनका आपराधिक इतिहास रहा है. अमित कुमार पहले भी रेलवे स्टेशनों पर चोरी के कई मामलों में शामिल रहा है. उसे उत्तर प्रदेश के हाजीपुर में पहले गिरफ्तार किया जा चुका है. करण कुमार पर बिहार के बरौनी में एक आपराधिक मामला दर्ज है. वह चोरी के दौरान हथियार रखता था, ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को डराकर भाग सके.
पुलिस के अनुसार, चोरी का सामान ये लोग बदरपुर-फरीदाबाद बॉर्डर के पास एक ठिकाने पर रखते थे. वहां से सामान को स्थानीय बाजारों में बेच दिया जाता था. पकड़े जाने से बचने के लिए ये लोग बार-बार अपने फोन और सिम कार्ड बदलते थे. होटल में ठहरने के लिए वे फर्जी नामों का इस्तेमाल करते थे जिससे उनकी असली पहचान छिपी रहती थी. पुलिस ने इस गैंग के पकड़े जाने को एक बड़ी सफलता बताया है. यह गिरोह न केवल दिल्ली, बल्कि अन्य राज्यों के रेलवे स्टेशनों पर भी एक्टिव था. पुलिस अब इनके अन्य साथियों और चोरी के सामान के खरीदारों की तलाश में है. साथ ही रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं.
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