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Jalebi-Dal Combination : मुजफ्फरपुर के धर्मशाला चौक पर विश्वनाथ साह की 150 साल पुरानी जलेबी-दाल की दुकान है. यहां जलेबी के साथ खट्टी-मीठी दाल मिलती है, जो इसे खास बनाती है. रोज़ाना 250-300 लोग इसे चखने आते हैं.
जलेबी के साथ मिलता है नया स्वाद
इस दुकान की सबसे अनोखी बात है कि यहां जलेबी के साथ दाल मिलता है. सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगता है, लेकिन मुजफ्फरपुर के लोग इसे वर्षों से चाव से खाते आ रहे हैं. यहां की दाल खट्टी-मीठी होती है, जिसमें मसालों का ऐसा संतुलन होता है जो मीठी जलेबी के साथ मिलकर एक नया ही स्वाद बना देता है. यही स्वाद इसे शहर के बाकी मिठाइयों से अलग करता है.
जलेबी बनाने की प्रक्रिया भी कम दिलचस्प नहीं है. रात में मैदे को फूलाया जाता है, और सुबह उसे खास अंदाज में तले कर जलेबी बनाई जाती है. हर जलेबी कुरकुरी, सुनहरी और रस से भरी होती है. 100 ग्राम जलेबी की कीमत 14 रुपये है, और खास बात यह है कि इसके साथ दाल मुफ्त मिलती है. यही कारण है कि रोज़ाना 250 से 300 लोग यहां जलेबी-दाल को खाने आते हैं.
आस-पास के जिलों से आते हैं लोग
दुकान पर जलेबी के अलावा मालपुआ, समोसा और लिट्टी भी मिलती है, लेकिन सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला “जलेबी और दाल” हैं. यहां आने वाले ग्राहक सिर्फ खुद ही नहीं खाते, बल्कि घर के लिए भी पैक करवा कर ले जाते हैं. दुकान की ख्याति सिर्फ मुजफ्फरपुर जिले में ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों तक फैली हुई है.
विश्वनाथ साह की यह दुकान सिर्फ एक मिठाई की दुकान नहीं, बल्कि मुजफ्फरपुर की सांस्कृतिक और स्वाद की विरासत है. आज जब स्ट्रीट फूड और मिठाइयों में नयापन ढूंढा जा रहा है, उस दौर में यह दुकान अपने पुराने स्वाद और अनोखे कॉम्बिनेशन से लोगों का दिल जीत रही है.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें
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