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Success Story: रामपुर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी की सक्सेस स्टोरी बहुत ही संघर्ष वाली है. गोरखपुर के एक छोटे से गांव के रहने वाले दुर्गेश ने यूपीपीसीएस में परचम लहरा दिया था. जानें उनके सफल…और पढ़ें

छोटे से गांव से निकलकर बने अफसर, बच्चों को पढ़ाकर की खुद की तैयारी, अब संभाल रहे
हाइलाइट्स
- दुर्गेश त्रिपाठी ने यूपीपीसीएस 2014 में सफलता पाई.
- गोरखपुर के छोटे से गांव से निकलकर बने अफसर.
- बच्चों को पढ़ाकर खुद की तैयारी की और सफल हुए.
अंजू प्रजापति/रामपुर: यूपी में रामपुर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी की कहानी बहुत ही संघर्ष वाली है. आज हम आपको उनके संघर्ष और सफलता तक के सफर के बारे में बताएंगे. गोरखपुर जिले के कस्बा बहड़लगंज के एक छोटे से गांव के रहने वाले दुर्गेश त्रिपाठी ने शुरुआती पढ़ाई अपने गांव के ही स्कूल से की. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. यहीं, पीजी करने के बाद वह प्रयागराज पहुंचे. जहां सिविल सेवा की तैयारी करनी शुरू की.
पिता थे पोस्ट ऑफिस में कर्मचारी
अधिशासी अधिकारी दुर्गेश बताते हैं कि गांव का माहौल सीमित संसाधनों वाला था, लेकिन आसपास के युवाओं को तैयारी करते देख उनमें भी कुछ करने की प्रेरणा जगी. जहां उनका परिवार सामान्य था तो पिता जी पोस्ट ऑफिस में काम करते थे. उन्हें सिविल सेवाओं के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन उनके पिता ने हमेशा उन्हें को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया.
बच्चों को कोचिंग पढ़ाकर करते थे तैयारी
अधिशासी अधिकारी ने बताया कि शुरूआती तैयारी के दौरान मन में हमेशा यही चलता था कि कहीं हम परिवार पर बोझ तो नहीं बन रहे हैं. कब हमारा चयन होगा, इसका कोई अता-पता नहीं था. इसलिए उन्होंने दूसरा विकल्प अपनाया. वह छोटे-छोटे बच्चों को कोचिंग पढ़ाना शुरू किए, जिससे उनकी तैयारी भी चलती रही और खर्च भी निकलता रहा.
अधिशासी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि सिविल सर्विसेस की यूपीपीसीएस 2014 में आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उनका सिलेक्शन हो गया. इस समय रामपुर में अधिशासी अधिकारी के रूप में नगर की व्यवस्था संभाल रहे हैं. ऐसे में दुर्गेश त्रिपाठी की यह कहानी बताती है कि सीमित संसाधनों में भी अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और हौसला मजबूत हो तो सफलता जरूर मिलती है.
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