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चैंपियंस ट्रॉफी की जीत के बाद गौतम गंभीर को तकरीबन 3 महीने की छुट्टी मिल गई है. अब जून में जब वे टीम से जुड़ेंगे तो सामने इंग्लैंड की बड़ी चुनौती होगी.

कोच गौतम गंभीर का 8 महीने का कार्यकाल बेहद उतारचढ़ाव भरा रहा है.
हाइलाइट्स
- भारतीय टीम को अगला दौर इंग्लैंड का करना है.
- कोच गौतम गंभीर के लिए यह दौरा चैलेंजिंग होगा.
- गंभीर को वनडे और टेस्ट में बेहतर प्लान की जरूरत.
नई दिल्ली. गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बने आठ महीने हो चुके हैं. इस दौरान टीम इंडिया ने कुछ दिल तोड़ने वाली हार देखी है और चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती है. कह सकते हैं कि गंभीर ने कोच बनते ही दोनों ही तरह की परिस्थितियां देखी हैं जिसमें चैंपियन बनना और घर में वाइटवॉश से लेकर ऑस्ट्रेलिया में हार तक शामिल है.
चैंपियंस ट्रॉफी की जीत के बाद गौतम गंभीर को तकरीबन 3 महीने की छुट्टी मिल गई है. अब जून में जब वे टीम से जुड़ेंगे तो सामने इंग्लैंड की बड़ी चुनौती होगी. यह सीरीज आईपीएल के बाद होगी. गंभीर की दूसरी बड़ी चुनौती भारत और श्रीलंका में 2026 में होने वाला टी20 विश्व कप होगा जहां सूर्यकुमार यादव की टीम अपना खिताब बचाने उतरेगी. इसके बाद सबसे बड़ी चुनौती दक्षिण अफ्रीका में होने वाला 2027 का वनडे वर्ल्ड कप होगा.
अगर गौतम गंभीर की कोचिंग को अलग-अलग प्रारूप में देखा जाए तो उन्होंने सूर्या की अगुआई में टी20 टीम के लिए कोर खिलाड़ियों के समूह को पहले ही तैयार कर लिया है. रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा के छोटे प्रारूप से बाहर होने के बाद भी उनकी कमी महसूस नहीं हुई. कोच गंभीर ने अभिषेक शर्मा के रूप में एक प्रभावशाली खिलाड़ी की खोज की है. जब वरुण चक्रवर्ती और जसप्रीत बुमराह किसी वैश्विक प्रतियोगिता (विश्व टी20) में गेंदबाजी करेंगे तो ये आठ ओवर बल्लेबाजों के लिए बुरे सपने की तरह होंगे. संजू सैमसन ने अपनी लय हासिल कर ली है. हालांकि, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल भी मौजूद रहेंगे.
अर्शदीप सिंह के रूप में पावरप्ले में विकेट लेने वाला एक बेहतरीन गेंदबाज है और हार्दिक पंड्या, नीतीश कुमार रेड्डी और शिवम दुबे के रूप में कम से कम तीन तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं. हार्दिक के साथ सूर्यकुमार और अक्षर इस टीम के पुराने खिलाड़ी हैं. यह एक ऐसी टीम है जिसने अपने सभी विभागों पर ध्यान दिया है और यहां-वहां कुछ बदलाव के साथ स्वत: आगे बढ़ रही है.
टी20 के विपरीत वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में गंभीर को ज्यादा बेहतर प्लान के साथ आना होगा. रोहित शर्मा और विराट कोहली ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे वनडे से जल्दी संन्यास नहीं ले रहे हैं. लेकिन 2027 विश्व कप के दौरान गंभीर के पास चार विशेषज्ञ स्पिनरों का उपयोग करने और 240-250 के स्कोर के साथ जादू पैदा करने का विकल्प नहीं होगा. बड़े स्कोर बनेंगे और सवाल यह है कि क्या रोहित अपनी छोटी और आक्रामक पारियों से कोहली के साथ मिलकर पर्याप्त योगदान दे पाएंगे. कोहली अब एक छोर संभालने वाले बल्लेबाज की भूमिका में होंगे.
निकट भविष्य में गंभीर को टेस्ट क्रिकेट टीम पर भी ध्यान देना होगा जहां उन्हें सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. अगर रोहित खेलते हैं और जायसवाल तथा केएल राहुल टॉप-3 में हैं तो टेस्ट क्रिकेटर के रूप में शुभमन गिल का क्या होगा? क्या वह बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज तीनों को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में ला पाएंगे जहां स्विंग और सीम गेंदबाजों को मदद मिलेगी. मध्यक्रम के उस एक स्थान का क्या होगा जो पिछले कुछ समय से भारत की कमजोरी बना हुआ है. क्या करुण नायर वहां फिट होंगे या श्रेयस अय्यर को टेस्ट टीम में अपनी जगह फिर से वापस मिलेगी. ‘गुरू गंभीर’ के पास कुछ कठिन विकल्प हैं. अब देखना है कि गंभीर साहसिक निर्णय लेकर कुछ बदलाव करते हैं या वेट एंड वॉच की स्ट्रेटजी अपनाते हैं.
Delhi,Delhi,Delhi
March 11, 2025, 19:26 IST
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