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आजमगढ़: शहर में सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट शहर के पटकौली गांव में बनकर तैयार हो गया है. वर्तमान मे शहर के लगभग 2000 घरों के सीवेज का पानी ट्रीट होने के बाद तमसा नदी में छोड़ा जा रहा है. इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का लगभग 90% काम पूरा हो चुका है. यह शहर का पहला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट शुरू किया गया है जो आगामी फरवरी माह तक पूर्ण रूप से संचालित हो सकेगा.

2,000 घरों के नालियों का पानी हो रहा शोधित
इस नवनिर्मित एसटीपी प्लांट से रोजाना 3 एमएलडी पानी को शोधित किया जा रहा है. वर्तमान में लगभग 2,000 घरों के सीवेज का पानी इस प्लांट के माध्यम से ट्रीट किया जा रहा है. इसके बाद इसे नदी में छोड़ा जाएगा. जानकारी के मुताबिक, आगामी फरवरी माह तक लगभग 6,153 घरों की नालियों को इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सीवेज लाइन से जोड़ दिया जाएगा जिससे शहर की नालियों में बहने वाला गंदा पानी शोधित हो सकेगा.

42 करोड़ की लागत से तैयार हुआ प्लांट
आजमगढ़ शहर तीन तरफ से तमसा नदी से घिरा हुआ है. शहर से निकलने वाले गंदे पानी का ट्रीटमेंट करने के बाद उसे तमाशा नदी में गिराने के लिए वर्ष 2022 में पटखौली गांव में 42.21 करोड रुपए की लागत से 8 एमएलडी की सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की स्वीकृति मिली थी. जिसमें 22.41 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाकर 6,153 घरों की नालियों को सीवर लाइन से जोड़ा जाना था. जनवरी 2022 में जल निगम नगरीय द्वारा इस एसटीपी प्लांट के निर्माण का कार्य शुरू कराया गया था जो अब लगभग पूरा हो चुका है.

फरवरी तक पूरा हो जाएगा काम
वर्तमान में यह एसटीपी प्लांट सक्रिय हो चुका है. शहर की सीवर लाइन से घरों की नालियों को जगह-जगह चैंबर के माध्यम से जोड़ा जा रहा है. जल निगम के अधिशासी अभियंता जियाउल हक ने लोकल 18 को बताया कि सीवर लाइन व एसटीपी का काम पूरा हो चुका है. ट्रायल रन के बाद एसटीपी सक्रिय हो चुकी है. वर्तमान में अभी 3 एमएलडी सीवेज का पानी ट्रीट किया जा रहा है जिसमें लगभग 2,000 घरों की नालियों को चैंबर बनाकर सिविल लाइन से जोड़ा जा चुका है. उनके मुताबिक, शेष घरों के पानी को फरवरी माह तक सीवेज लाइन से जोड़ा जाएगा.

Tags: Azamgarh news, Local18

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