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‘निर्मल पाठक की घर वापसी’,’पंचायत’, ‘सरपंच साहब’ और ‘ग्राम चिकित्सालय’ जैसी वेब सीरीज ने ग्रामीण परिवेश पर आधारित कंटेंट को बढ़ावा दिया है. पिछले कुछ सालों में कई फिल्में और सीरीज आई हैं, जिनमें गांव के अनछुए पहलुओं, कल्चर और सोसाइटी को दिखाया गया है.

ग्रामीण परिवेश पर बनी ‘निर्मल पाठक की घर वापसी’,’पंचायत’, ‘सरपंच साहब’ और ‘ग्राम चिकित्सालय’ के बाद एक और सीरीज हाल में रिलीज हुई है. इस सीरीज की आईएमडीबी रेटिंग 8.5 है. सीरीज में एक ग्राम प्रधान, बैंक कर्मचारी से शहर से आया लड़का भिड़ता है और अपने दादा के अपमान का बदला लेता है. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

8.5 आईएमडीबी रेटिंग वाली इस सीरीज का नाम ‘मिट्टी- एक नई पहचान’ है. 11 जुलाई को रिलीज हुई इस सीरीज में इश्वाक सिंह ने लीड रोल प्ले किया है. ग्रामीण परिवेश में बनी यह सीरीज गांव के सामाजिक मुद्दे, किसानों के कर्ज और खेती की झलक दिखाती है. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

इश्वाक सिंह ने सीरीज में राघव शर्मा का किरदार निभाया है. वह एक पीआर एजेंसी एडवर्टीजमेंट लिखता है. एक सक्सेसफुल करियर होते हुए भी सबकुछ छोड़ अपने गांव जाता है और वहीं रहने का मन बनाता है. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

‘मिट्टी- एक नई पहचान’ की शुरुआत में इश्वाक सिंह के किरदार राघव शर्मा की कंपनी से होती है, जहां उसके काम को सराहा जाता है. इस बीच राघव के पिता का कॉल आता है और वो बताते हैं कि उसके दादा का निधन हो गया है. वह अंतिम संस्कार में शामिल होता है. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

राघव को गांव में पता चलता है कि उसके दादा के पास 15 लाख रुपए का लॉन है. उसके दादा ने यह लॉन मॉडर्न फार्मिंग के करने के लिए लिये थे. लेकिन वह इसमें सक्सेसफुल नहीं हो पाते और हार्ट अटैक से निधन हो गया. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

बैंक का एक कर्मचारी लगातार लॉन चुकाने के लिए परेशान करता था. राघव अपने दादा का लॉन चुकाने बैंक जाता है, लेकिन बैंक मैनेजर उसके दादा की बारे में भला-बुरा कहता है और संकल्प लेता है कि मॉडर्न फार्मिंग के जरिए ही पैसा कमाएगा और इसी से लॉन चुकाएगा. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

गांव का प्रधान राघव को बाहरी बताता है. उसकी मॉडर्न फार्मिंग का मजाक उड़ाता है. राघव गांव के प्रधान और बैंक मैनेजर को दिखाने के लिए मॉडर्न फार्मिंग करने की शुरुआत करता है. इस बीच उसे काफी अड़चने आती है. एक महिला कृषि अधिकारी उसकी मदद करती है. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

फिर राघव शर्मा गुलाब के फूलों की खेती शुरू करता है. लेकिन पहले ज्यादा बारिश उसकी मेहनत पर पानी फेर देती है. वह हिम्मत नहीं हारता, लेकिन दूसरी भार टिड्डों का अटैक होता है, फसलें फिर से खराब हो जाती है. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

राघव शर्मा फिर भी हिम्मत नहीं हारता. उसकी खेत में गुलाब उगते हैं. लेकिन उसके आगे बेचने की समस्या आती है. गांव की मंडी में ज्यादा कीमत नहीं मिलती, तो वो फिर अपसेट होता है. गुलाब सूखने लगते हैं. फिर आगे क्या होता है? पूरी कहानी जानने के लिए आप इस सीरीज अमेजन एमएक्स प्लेयर पर बिल्कुल फ्री में देख सकते हैं. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)
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