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Rameshvaram Railway Station- रामेश्‍वरम जाकर भगवान शिव के दर्शन का मन बना रहे श्रद्धालुओं के लिए अच्‍छी खबर है. उन्‍हें वहां पर कई तरह की सुविधा मिलने जा रही है. इस वजह से परेशानी नहीं होगी.

अब तो रामेश्‍वरम का बना लो प्‍लान,मां-बाबूजी को भी ले जाओ, अब मिलेंगी ये सुविधाएंरेलवे और सड़क परिवहन मंत्रालय दोनों दे रहे हैं सौगात.
नई दिल्‍ली. रामेश्‍वरम जाने वाले श्रद्धालुओं को वहां पहुंचने पर सबसे बड़ी समस्‍या रुकने की होती है. श्रद्धालुओं की संख्‍या अधिक है और ठहरने की व्‍यवस्‍था सीमित है. होटल काफी महंगे हैं. श्रद्धालुओं की इसी समस्‍या से राहत देने के लिए भारतीय रेलवे ने व्‍यवस्‍था कर दी है. अब वहां रुकने के लिए परेशानी नहीं होगी. इतना ही नहीं सड़क परिवहन मंत्रालय ने भी रामेश्‍वरम तक श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से पहुंचाने के लिए प्रोजेक्‍ट को स्‍वीकृत दे दी है.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार के अनुसार देशभार में कुल 1337 रेलवे स्‍टेशन को रिडेवलप किया जा रहा है. इनमें से 100 से अधिक का काम पूरा हो चुका है और इनका उद्घाटन भी हो चुका है. बचे हुए स्‍टेशनों पर तेजी से काम चल रहा है. इन्‍हीं में एक रामेश्‍वर रेलवे स्‍टेशन है, जो पूरी तरह से रिडेवलप किया जा रहा है. सितंबर से यहां से ट्रेनों का ऑपरेशन शुरू होने की संभावना है.

भारतीय रेलवे के अनुसार करीब 112 करोड़ रुपये की लागत से रामेश्‍वरम स्‍टेशन का निर्माण चल रहा है. यहां पर तीन मंजिला इमारत बनी है. यह स्‍टेशन रामेश्‍वरम धाम की प्रतिकृति जैसा डिजाइन किया गया है. एंट्री और एग्जिट दोनों अलग अलग होंगे जिससे यात्रियों को आवागमन में परेशानी न हो.

स्‍टेशन में रुकने के लिए डोरमेट्री

स्‍टेशन में श्रद्धालुओं के रुकने के लिए रेस्‍ट रूम और डोरमेट्री बनाए जा रहे हैं. जिससे श्रद्धालुओं को इधर उधर न भटकना पड़े. ट्रेन से उतरने के बाद यहीं से रुक सकें और रामेश्‍वरम धाम के दर्शन कर सकें. पहले इस स्‍टेशन में रोजाना पहुंचने वाले यात्रियों की संख्‍या 9000 के करीब थी. लेकिन अब संख्‍या बढ़ेगी.

सड़क मार्ग से पहुंचना होगा आसान

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से रामेश्‍वर तक पहुंचाने के लिए परमकुडी-रामनाथपुरम सेक्शन (46.7 किमी) को 4-लेन का कर रहा है. जिसकी कुल लागत 1,853 करोड़ रुपये होगी. मौजूदा समय मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच संपर्क मौजूदा 2-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 87 (एनएच-87) और संबंधित राज्य राजमार्गों पर निर्भर है, जो घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरता है. इसके निर्माण के बाद ट्रैफिक कम होगा, सुरक्षा में सुधार होगा और रामेश्‍वरम पहुंचना आसान होगा.

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अब तो रामेश्‍वरम का बना लो प्‍लान,मां-बाबूजी को भी ले जाओ,मिलेंगी ये सुविधाएं

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