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Paracetamol at Parchun ki Dukan: बुखार की दवा पैरासिटामोल और दर्द की दवा आइव्यूप्रोफेन अब किसी भी परचून की दुकान से खरीद सकते हैं. सरकार ने इसके लिए मंजूरी दे दी हैं.

परचून की दुकान में पैरासिटामोल.
Paracetamol at Parchun ki Dukan: पैरासिटामॉल ऐसी दवा है जिसने हर कोई किसी न किसी तरह से अपने जीवन में जरूर खाई होगी. बुखार की इस दवा से बच्चा-बच्चा वाकिफ रहता है लेकिन यह सिर्फ दवा दुकान में मिलती है. इसलिए कभी-कभी इसे लेने के लिए दूर जाना पड़ता है. पर अब सरकार पैरासिटामोल सहित 27 सामान्य बीमारियों की दवा को परचून की दुकान से उपलब्ध कराने की मंजूरी देने वाली है. इन दवाइयों में लिवोसिट्राजीन, आइव्यूप्रोफेन, ब्रूफेन दवाइयां भी शामिल हैं. इस लिस्ट में जेनरिक फर्म्युलेशन वाली 27 दवाएं शामिल हैं. इन दवाओं के लिए अब डॉक्टरों की पर्ची की जरुरत नहीं होगी और इसे अब कोई भी जनरल स्टोर की दुकानों में बेची जा सकती है.
पैनल ने सरकार को दी रिपोर्ट
वर्तमान में भारत में पैरासिटामोल या आइव्यूप्रोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं की बिक्री या इस्तेमाल के लिए समग्र नीति का अभाव है. पिछले साल मई में दवा नियामक एजेंसी ड्रग रेगुलेटर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने ड्रग्स नियमों में संशोधन कर आवश्यक प्रावधानों को शामिल करने के लिए एक सब कमिटी का गठन किया था. इन्हें यह पहचानने की जिम्मेदारी थी कि कौन सी दवा ओटीसी में रहेगी और कौन सी नहीं. ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिश के बाद अब इस पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसक बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. न्यूज 18 के पास उपलब्ध दस्तावेज के मुताबिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पैनल ने बेहतरीन संतुलन के साथ एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें शीर्ष जेनरिक श्रेणी की लगभग 27 दवा शामिल हैं. ये दवाएं सबसे अधिक बिकने वाली हैं और अपनी श्रेणी में सबसे सुरक्षित मानी जाती हैं.
OTC दवा पर चर्चा
उदाहरण के लिए, एलवोसेटिरीज़िन एलर्जी के इलाज में सबसे उपयुक्त है.उसी तरह आइव्यूप्रोफेन दर्द के लिए और पेरासिटामोल बुखार कम करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है. पैनल ने यह भी उल्लेख किया है कि OTC श्रेणी में किन दवाओं की कितनी मात्रा (डोज़) उपलब्ध होनी चाहिए. यदि लोग अधिक मात्रा में पेनकिलर आइबुप्रोफेन लेने लगें तो यह हानिकारक हो सकता है. इसलिए पैनल सीमित डोज वाली बिना पर्ची की होनी चाहिए. पैनल ने प्रस्ताव दिया है कि भारत को ओटीसी दवाओं के लिए कानूनी प्रावधान, पात्रता और विशेष लेबलिंग आवश्यकताओं को विकसित करने की आवश्यकता है, जैसे कि प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के लिए होती हैं. प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि ड्रग्स रूल्स, 1945 के तहत कानूनी प्रावधानों को सक्षम किया जाना चाहिए, जिसमें आवेदन प्रस्तुत करने की विधि, किसी दवा को OTC मानने की आवश्यकताएं और लेबलिंग आवश्यकताएं शामिल है.
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