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सहारनपुर के किसान आदित्य त्यागी ने 2017 में रिटायरमेंट के बाद ऑर्गेनिक खेती शुरू की. उन्होंने बिना रासायनिक दवाइयों के बैंगन उगाकर साबित किया कि ऑर्गेनिक खेती संभव है.

बिना दवाइयों के बैंगन की खेती कर सहारनपुर के किसान ने कर दिखाया कमाल
हाइलाइट्स
- आदित्य त्यागी ने 2017 में ऑर्गेनिक खेती शुरू की.
- बिना रासायनिक दवाइयों के बैंगन उगाए.
- ऑर्गेनिक बैंगन मार्केट में अधिक दाम पर बिकते हैं.
सहारनपुर: यूपी के सहारनपुर में किसान कई तरह की खेती करना पसंद करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ किसान अपनी पारंपरिक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा भी दे रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं सहारनपुर के महरवानी गांव के रहने वाले किसान आदित्य त्यागी. आदित्य त्यागी ने 2017 में वन विभाग से रिटायर होने के बाद अपने खेतों में ऑर्गेनिक खेती शुरू की और अब वह एक अच्छी पहचान बना चुके हैं. किसान आदित्य त्यागी ऑर्गेनिक तरीके से कई प्रकार की सब्जियों की खेती करते हैं और उनकी फसलें सब्जी मंडी में अन्य सब्जियों से दोगुना अधिक दाम पर बिकती हैं.
कई गुना दामों में बिकती हैं सब्जियां
किसान आदित्य त्यागी ने अपनी खेती में एक ऐसा प्रयोग किया है, जो ज्यादातर किसानों के लिए मुश्किल और चुनौतीपूर्ण माना जाता है. हम बात कर रहे हैं बैंगन की खेती की. बैंगन की फसल पर आमतौर पर पेस्टिसाइड्स और रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है, क्योंकि बैंगन की फसल में कीड़े बहुत लगते हैं. हालांकि, आदित्य त्यागी ने इसे बिना रासायनिक दवाइयों के ऑर्गेनिक तरीके से उगाकर यह साबित कर दिया है कि बैंगन की फसल को भी ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जा सकता है. यही नहीं, ऑर्गेनिक बैंगन मार्केट में बिकने वाले बैंगन से दो से तीन गुना अधिक दाम पर बिकते हैं.
ऑर्गेनिक तरीके से बैंगन की खेती
किसान आदित्य त्यागी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने एक बीघा खेत में गोल बैंगन की ऑर्गेनिक खेती शुरू की. बैंगन की फसल पर सबसे ज्यादा इंसेक्टिसाइड और पेस्टीसाइड का उपयोग होता है, इसलिए मार्केट में बिकने वाला बैंगन एक तरह से जहर की तरह होता है. बताया कि जब उन्होंने पहले बैंगन की खेती शुरू की, तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा और उनकी पूरी बैंगन की फसल खत्म हो गई. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से बैंगन की खेती शुरू की. इस बार उन्होंने बैंगन की फसल पर नीम, गोमूत्र और अन्य कड़वी घास मिलाकर ‘निमास्त्र’ तैयार किया और हर हफ्ते इसका छिड़काव किया. इसके बाद बैंगन की फसल में किसी भी तरह का कोई कीड़ा नहीं लगा.
आदित्य त्यागी बताते हैं कि वह अपने बैंगन को उसी दाम पर मार्केट में बेचते हैं, लेकिन उन्हें सुकून इस बात का है कि वह लोगों को जहर नहीं, बल्कि ऑर्गेनिक बैंगन खिला रहे हैं.
Saharanpur,Uttar Pradesh
March 12, 2025, 19:23 IST
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