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इंदौर: नेहा वर्मा, मात्र 23 साल की एक लड़की, जिसकी मासूम मुस्कान और भोली-भाली आंखें किसी का भी दिल जीत लेती थीं. नेहा जितनी खूबसूरत थी उतनी ही महत्वाकांक्षी भी थी. लेकिन उसकी महत्वाकांक्षाएं थोड़ी उल्टी थीं. वह अमीर बनना चाहती थी, जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी, भले ही अमीर बनने के लिए उसे कोई भी रास्ता क्यों न अपनाना पड़े. नेहा की जिद उसके सिर चढ़ गई थी.
नेहा और मेघा में बढ़ी नजदीकियां
45 साल की मेघा नेहा की मासूमियत के जाल में फंस चुकी थी. नेहा ने मेघा को बताया कि वह एक ब्यूटीशियन है, और मेघा को यह बात सुनकर और भरोसा हुआ. मेघा की बेटी शालू भी नेहा की उम्र की थी, शायद इसलिए मेघा को नेहा से एक खास लगाव हो गया. उसने नेहा को अपने घर आने का न्योता दे डाला. अगले कुछ हफ्तों में नेहा और मेघा की मुलाकातें बढ़ीं. नेहा मेघा के घर भी गई, जहां उसने मेघा की मां रोहिणी और बेटी अश्लेषा से भी मुलाकात की. हर कोई नेहा की मासूमियत और मधुर व्यवहार का कायल था. लेकिन यह सब नेहा की एक चाल थी.
29 जून 2011 को नेहा मेघा के घर कुछ ब्यूटी प्रॉडक्ट्स दिखाने के बहाने पहुंची. मेघा के घर में उस वक्त उनकी 21 साल की बेटी अश्लेषा और मां रोहिणी भी थीं. नेहा और मेघा लिविंग रूम में बातें कर रही थीं। बातों-ही-बातों में नेहा ने कहा कि उसे प्रोडक्ट के बारे में कुछ कन्फ्यूजन है, और उसने अपने बॉयफ्रेंड राहुल को बुलाने की बात की. राहुल पहले से ही नेहा के इस प्लान का हिस्सा था. वह मेघा के घर के पास ही उसका इंतजार कर रहा था.
सबको उतारा मौत के घाट
कुछ देर बाद डोर बेल बजी. मेघा ने दरवाजा खोला तो राहुल के साथ उसका दोस्त मनोज भी अंदर आया। जैसे ही मेघा सोफे पर बैठने गई, राहुल और मनोज ने उस पर गोली चला दी. गोलियों की आवाज से घर गूंज उठा. शोर सुनकर अश्लेषा और रोहिणी अपने कमरों से बाहर निकलीं, लेकिन राहुल और मनोज ने उन पर भी गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. जब गोलियां खत्म हो गई, तो उन्होंने चाकुओं से तीनों पर बेरहमी से वार किए. मेघा, अश्लेषा, और रोहिणी की मौके पर ही मौत हो गई.
खून से सनी लाशों के बीच नेहा ने फटाफट मेघा के गहने उतारे. राहुल और मनोज ने घर में रखा कैश, जूलरी, और कीमती सामान समेटा. तीनों ने जल्दी से सब कुछ बैग में भरा और वहां से फरार हो गए. उस वक्त पड़ोसियों को इस खौफनाक वारदात की भनक तक न लगी. शाम को जब मेघा के पति घर लौटे, तो उनकी आंखें उस मंजर को देखकर फटी की फटी रह गईं. तीन लाशें खून से लथपथ पड़ी थीं. पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. इस दौरान एक अहम सुराग मिला.
नेहा वर्मा और उसका प्रेमी
खूनी छोड़ गए सुराग
दरअसल, गोली चलाते वक्त राहुल ने गलती से अपने पैर में गोली मार ली थी. भागने के बाद उसे अस्पताल जाना पड़ा, और यहीं से पुलिस को उसका पता चला. जल्द ही नेहा, राहुल, और मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि नेहा और राहुल का अफेयर था. दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन उससे पहले ढेर सारा पैसा कमाना उनका मकसद था. मॉल में मेघा को देखकर नेहा ने यह खतरनाक प्लान बनाया, जिसमें राहुल ने अपने दोस्त मनोज को भी शामिल कर लिया.
3 बार मिली फांसी की सजा
जिला अदालत ने इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ करार देते हुए तीनों को फांसी की सजा सुनाई. हाईकोर्ट ने भी 2014 में इस फैसले को बरकरार रखा. कोर्ट ने कहा कि ये लोग दया के लायक नहीं. जेल में तीनों का आचरण अच्छा था, और उनका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को 25 साल की उम्रकैद में बदल दिया.
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