[ad_1]
Last Updated:
Ahmedabad: सुरेश चौधरी और दिलीप ठाकोर ने बुजुर्ग दंपति की हत्या कर दी और गहने चोरी कर के तंत्र किया था. लेकिन उन्होंने ऐसा किया क्यों चलिए आपको बताते हैं.

पैसों के लिए की बुजुर्गों की हत्या (प्रतिकात्मक तस्वीर- AI)
अहमदाबाद: सुरेश चौधरी, एक ऐसा व्यक्ति जो आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, अपने पड़ोसियों, वर्धाजी चौधरी और उनकी पत्नी होशीजी, को अच्छी तरह जानता था. दोनों की उम्र 60 से 65 वर्ष के बीच थी. वर्धाजी और होशीजी स्टेट मॉनिटरिंग सेल (एसएमसी) के इंस्पेक्टर अजमल चौधरी के माता-पिता थे. वहीं दिलीप ठाकोर, जो खुद आर्थिक संकट से गुजर रहा था, उसने सुरेश को भरोसा दिलाया कि यदि वे एक बुजुर्ग दंपत्ति की बलि दे दें और उनके गहनों के साथ तांत्रिक अनुष्ठान करें, तो उनकी सारी आर्थिक समस्याएं हल हो जाएंगी. धन की लालसा ने सुरेश को इतना अंधा कर दिया कि उसने अपने पड़ोसियों को, जिन्हें वह वर्षों से जानता था, निशाना बनाने का फैसला किया.
16 जून की रात को, जब गांव गहरी नींद में डूबा था, चार लोग चुपके से वर्धाजी और होशीजी के घर में घुसे, उनका घर सुरेश के घर से महज 80 मीटर की दूरी पर था. किसी भी चीख-पुकार को दबाने के लिए उन्होंने एक ट्रैक्टर और रोटावेटर को चलता छोड़ दिया. घर में घुसते ही, उन्होंने दंपति पर हमला बोल दिया. चाकुओं से बार-बार वार कर दोनों की हत्या कर दी गई. इसके बाद, उन्होंने होशीजी के पैरों को काटकर उनके गहने उतारे और दोनों के शवों से कीमती सामान लूट लिया.
जसरा गांव में सीसीटीवी नहीं लगे थे, जिसके चलते ये केस और भी पेचीदा हो गया. शुरुआत में इस डबल मर्डर को लूट के इरादे से किया गया अपराध माना गया, लेकिन जांच के दौरान इसका असली मकसद सामने आया. बनासकांठा पुलिस ने 112 कर्मियों की एक बड़ी टीम, डॉग स्क्वॉड, फॉरेंसिक विशेषज्ञों और निगरानी सुरागों की मदद से इस सनसनीखेज मामले को सुलझा लिया. अपराध के 36 घंटों के भीतर ही चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. सुरेश और उसके साथियों ने सोचा था कि उनका यह कृत्य उन्हें अमीरी की राह पर ले जाएगा, लेकिन उनकी यह गलतफहमी उनकी गिरफ्तारी का कारण बनी.
[ad_2]
Source link