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How To Identify Authentic Alphonso Mangoes: गर्मियों का मौसम आते ही बाजार और मंडियों में फलों के राजा आम की बहार शुरू हो जाती है. आम न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि हर किसी की बचपन की यादों से भी जुड़े होते हैं. भारत में आम की कई किस्में मिलती हैं, लेकिन उनमें से एक बेहद खास और लोकप्रिय किस्म है- अल्फांसो आम. जी हां, इसे हापुस या हाफूस के नाम से भी जाना जाता है. महाराष्ट्र के रत्नागिरी में मिलने वाला असली अल्फांसो आम अपने खास स्वाद, चमकदार रंग और भीनी भीनी खुशबू के लिए प्रसिद्ध है. इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक है कि ये बड़े पैमाने पर विदेशों में भी निर्यात किया जाता है. लेकिन बाजार में बढ़ती मांग के कारण नकली और मिलावटी अल्फांसो आम भी धड़ल्ले से बेचे जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप असली अल्फांसो आम की पहचान करना जान लें.

असली अल्‍फांसो की ऐसे करें पहचान-

रंग और बनावट से करें पहचान-
असली अल्फांसो आम का रंग सुनहरा पीला होता है, जिसमें बॉडी पर हल्का लालिमा लिए हुए होता है. इसकी त्वचा चिकनी होती है. अगर आम की स्किन पर जरूरत से अधिक चमक हो या रंग असामान्य लगे, तो समझ जाइए कि वह असली नहीं है.

आकार और वजन का रखें ध्यान-
असली अल्फांसो आम आकार में अपेक्षाकृत छोटे होते हैं, जिनका वजन लगभग 150 से 300 ग्राम तक होता है. इनका आकार गोल होता है, जिसमें ऊपरी सिरा थोड़ा नुकीला और निचला हिस्सा थोड़ा चपटा होता है. नकली आम अक्सर सामान्य से बड़े आकार के होते हैं या फिर उनका आकार अलग सा होता है.

खुशबू से करें पहचान-
अल्फांसो आम की एक खास पहचान इसकी भीनी-मीठी खुशबू है. जब ये पूरी तरह पकते हैं तो इनसे एक नेचुरल, ट्रॉपिकल महक आती है. अगर आम से कोई कृत्रिम या तेज गंध आ रही हो, तो वह असली नहीं हो सकता.

इसे भी पढ़ें:आप केमिकल वाला आम तो नहीं खा रहे? 5 घरेलू तरीके से करें पहचान, बिना काटे समझ जाएंगे मैंगो कुदरती पका है या दवाओं से

गूदा और बनावट जांचें-
असली अल्फांसो आम का गूदा बेहद मुलायम और बिना रेशों वाला होता है, जो मुंह में जाते ही घुल जाता है. नकली या मिलावटी आम का गूदा अक्सर रेशेदार और चबाने वाला हो सकता है. साथ ही, दबाने पर असली आम हल्का सॉफ्ट होता है, यह ज्यादा नरम या गीला नहीं होता.

छिलके और वजन का करें परीक्षण-
हालांकि अल्फांसो आम आकार में छोटे होते हैं, फिर भी वे अपने वजन में भारी महसूस होते हैं. इनके छिलके काफी पतले और छूने में नाजुक होते हैं, जबकि अन्य नकली किस्मों के छिलके मोटे हो सकते हैं.

GI टैग और प्रमाण पत्र देखें-
रत्नागिरी के असली अल्फांसो आमों को Geographical Indication (GI) टैग दिया जाता है. प्रतिष्ठित विक्रेता इस टैग के प्रमाण पत्र के साथ आम बेचते हैं. खरीदते समय GI टैग या किसी प्रमाणन लेबल को जरूर जांचें, जिससे आप असली अल्फांसो आम का स्वाद ले सकें.

इस तरह आप बाजार में नकली आमों से बचने के लिए रंग, आकार, खुशबू, गूदा और प्रमाण पत्र जैसी बातों पर जरूर ध्यान दें. इन आसान तरीकों से आप गर्मियों में असली अल्फांसो आम का आनंद ले सकते हैं और ठगी से बच सकते हैं.

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