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Which seat is the safest on a plane: कल 12 जून को अहमदाबाद के एयरपोर्ट सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल हवाई अड्डे से एयर इंडिया की फ्लाइट टेक ऑफ करने के लगभग 5 मिनट के अंदर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई. ये हादसा इतना भयानक था कि विमान जमीन से टकराते ही आग के गोले में बदल गया. विमान में सवार 242 लोगों में से (यात्री और क्रू मेंबर मिलाकर) 241 की जान चली गई. इस विमान में सवार सिर्फ एक व्यक्ति की जान बच पाई. विमान का एक हिस्सा मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से भी टकराया, जिससे इस बिल्डिंग में भी आग लग गई और कई डॉक्टर्स, स्टूडेंट्स की भी जान चली गई.

क्या इस जगह सीट होने से एक यात्री की बची जान?

हादसा इतना भयानक था कि किसी के बचने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती थी, लेकिन हैरान करने वाली ये बात सामने आई कि एक लकी यात्री, जो सीट नंबर 11 ए पर बैठा था, उसकी जान बच गई. आखिर कैसे हुआ ये चमत्कार? क्या वजह थी कि इस एक व्यक्ति की जान बच गई? खबरों के अनुसार, ये यात्री एमरजेंसी डोर के पास की सीट पर बैठा था. तो क्या आपातकालीन दरवाजे के पास सीट होना सेफ है? चलिए जानते हैं कि कौन सी सीट फ्लाइट की सेफ हो सकती है…

फ्लाइट में कौन सी सीट होती है सेफ?
-अक्सर लोग विमान से यात्रा करने के दौरान विंडो सीट को चूज करते हैं. खिड़की वाली सीट पर बैठने से बाहर का खूबसूरत नजारा जो दिखता है. हालांकि, इस भयानक हादसे के बाद काफी लोगों में फ्लाइट में ट्रैवल करने को लेकर डर बैठ गया है. लोगों के बीच ये भी चर्चा शुरू हो गई है क्या फ्लाइट से ट्रैवल करना बस, ट्रेन, कार, बाइक की तुलना में असुरक्षित है? फ्लाइट में कौन सी सीट सबसे सेफ होती है?

-एक बात जान लें कि फ्लाइट को आज भी सबसे सेफेस्ट ट्रैवल मोड माना जाता है. जितने एक्सिडेंट्स ट्रेन, बस, कार के होते हैं, फ्लाइट में ऐसा बिल्कुल नहीं है. इसके जरिए आप कम समय में भी अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचते हैं. एक स्टडी के अनुसार, कार की तुलना में हवाई जहाज में मृत्यु दर काफी कम है.

-अब यहां ये जानने वाली बात है कि फ्लाइट में सबसे सेफ सीट कौन सी होती है? कहां बैठने पर आपातकालीन स्थिति में आप अपनी जान बचा सकते हैं? ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि एमरजेंसी कितनी गंभीर और किस बात के लिए है.

-हालांकि, कुछ स्टडी की मानें तो फ्लाइट में बीच की सीट और पीछे की सीट सबसे सुरक्षित मानी जाती है. विमान के पीछे के तीसरे भाग में बैठे यात्रियों की सीट सेफ होती है और यहां बैठने वालों की जान बचने की उम्मीद भी अधिक बताई जाती है.

-विमान जब दुर्घटनाग्रस्त होती है तो आगे का हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. यहां बैठे लोगों की जान सबसे अधिक जाती है. फ्लाइट में विंग सीट यानी पंखों के पास की सीटें भी सेफ बताई जाती हैं, क्योंकि ये वाला भाग काफी मजबूती और स्टेबिलिटी से तैयार और डिजाइन किया जाता है.

-विंग सीट्स एमरजेंसी गेट के भी नजदीक होती हैं, जिससे भी आपातकालीन स्थिति में यहां बैठे यात्रियों की जान बचने की संभावना अधिक होती है.

-वहीं, एग्जिट रो की सीट्स भी सेफ मानी जाती हैं. एमरजेंसी लैंडिंग या किसी भी आपात स्थिति में इस पंक्ति में बैठे यात्रियों की जान बचने की संभावना अधिक होती है. वहीं, विंडो सीट किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं मानी जाती, क्योंकि इसमें आप फंसे रह सकते हैं, भागने और निकलने का मौका कम मिल पाता है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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