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आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका की शुरूआत, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलेगा ताजा पोषण

गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में एक अनोखी पहल की शुरुआत होने जा रही है. जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका का निर्माण किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ताजे फल और हरी सब्जियां उपलब्ध कराना है, जिससे उनके स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार हो सके.

पोषण वाटिका का उद्देश्य और लाभ
इस योजना के तहत 2,347 आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषण वाटिका से जोड़ा जाएगा. वर्तमान में इन केंद्रों पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को केवल पैकेट बंद भोजन उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन पोषण वाटिका के माध्यम से उन्हें ताजा और पौष्टिक फल एवं सब्जियां दी जाएंगी, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मददगार साबित होंगी.

डीडीसी स्मिता कुमारी ने बताया कि इस योजना को सफल बनाने के लिए महिला बाल विकास विभाग, मनरेगा, और सामाजिक सुरक्षा विभाग के बीच तालमेल बनाकर काम किया जाएगा. इसके तहत हर आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण वाटिका विकसित की जाएगी, जिसमें पोषणयुक्त फलों और सब्जियों की खेती की जाएगी.

पोषण वाटिका में क्या होगा खास?
पोषण वाटिका में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई प्रकार की सब्जियां और फल उगाए जाएंगे. इनमें शामिल होंगे:

फल: कटहल, पपीता, अमरूद, जामुन, नींबू, आंवला.
सब्जियां: पालक, सहजन, हरी मिर्च, गिलोय.
अन्य पौधे: पोषण बढ़ाने वाले औषधीय पौधे.
केंद्रवार वितरण और निगरानी
धनवार ब्लॉक: सबसे अधिक 264 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका बनाई जाएगी.
तिसरी ब्लॉक: सबसे कम 87 केंद्रों पर पोषण वाटिका का लक्ष्य रखा गया है.
शहरी क्षेत्र: 118 केंद्रों पर भी यह योजना लागू की जाएगी.
इसके रखरखाव के लिए प्रत्येक केंद्र पर 5 सदस्यों की एक समिति का गठन किया जाएगा. समिति की अध्यक्षता संबंधित बीडीओ करेंगे और यह समिति नियमित रूप से वाटिका के रखरखाव और निरीक्षण का काम करेगी.

स्वास्थ्य और पोषण पर सकारात्मक प्रभाव
पोषण वाटिका से मिलने वाले ताजे फल और सब्जियां बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण में सुधार लाएंगी. यह पहल खासकर कुपोषण से जूझ रहे बच्चों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगी. फल और सब्जियों के सेवन से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, और गर्भवती महिलाओं को आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे, जिससे शिशु का भी सही विकास होगा.

जिले में पोषण वाटिका योजना का महत्व
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप ने बताया कि गिरिडीह में यह योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है.पोषण वाटिका के जरिए न केवल बच्चों और महिलाओं को पोषक आहार मिलेगा, बल्कि इसे स्वच्छ और स्थानीय रूप से उगाया जाएगा, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम किया जा सके.

कैसे होगा पोषण वाटिका का निर्माण?
मनरेगा योजना: वाटिका की बुनियादी संरचना के लिए धनराशि प्रदान की जाएगी.
स्थानीय सहयोग: स्थानीय लोगों को खेती में शामिल किया जाएगा.
देखभाल: वाटिका की देखभाल के लिए केंद्र प्रमुख और पंचायत स्तर पर निगरानी होगी.

Tags: Giridih news, Health, Local18

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