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Ragi Samosa Recipe: रांची में आदिवासी महिलाएं बना रही हैं रागी से बना ‘ब्राउन समोसा’, जो स्वाद में भी जबरदस्त है और सेहत के लिए भी फायदेमंद. जानिए इसकी पूरी रेसिपी और खासियत.

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आदिवासियों का फेवरेट है ये ब्राउन समोसा, दमदार स्वाद के साथ हड्डियों को भी बना रहा फौलाद

आदिवासियों का फेवरेट है ये ब्राउन समोसा, दमदार स्वाद के साथ हड्डियों को भी बना रहा फौलाद

हाइलाइट्स

  • रागी से बना ब्राउन समोसा आदिवासी महिलाओं की नई हेल्दी पसंद है.
  • आलू को उबालने के बजाय आग में भूनकर समोसे में मिलाया जाता है.
  • ब्राउन समोसा खास मेहमानों और त्योहारों पर बनाया जाता है.

शिखा श्रेया, रांची: जब समोसे की बात हो तो ज़हन में सबसे पहले आता है मैदे वाला, डीप फ्राई समोसा लेकिन रांची की आदिवासी रसोई से निकला ये नया वर्जन ‘ब्राउन समोसा’ अब धीरे-धीरे लोगों की हेल्दी पसंद बनता जा रहा है. न सिर्फ इसका रंग हटके है, बल्कि इसका स्वाद और सेहत दोनों दिल जीत लेते हैं.

मैदे की जगह रागी , सेहत का हेल्दी ट्विस्ट
इस समोसे का बेस मैदा नहीं, मड़वा यानी रागी का आटा है. आदिवासी महिलाओं का मानना है कि रागी सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि पाचन और ऊर्जा के लिए भी बेस्ट है. इसमें अजवाइन, मंगरैला और नमक मिलाकर गर्म पानी से आटा गूंथा जाता है जिससे इसकी बाइंडिंग मजबूत बनती है.

आलू उबाल नहीं, आग में भूनते हैं!
लोकल फूड एक्सपर्ट अंजू बताती हैं कि आलू को उबालने के बजाय सीधा आग में भूनते हैं ताकि उसका देसी खुशबूदार स्वाद बना रहे. आलू को मसालों और खास बात काजू, बादाम और पिस्ता के तड़के के साथ मिलाया जाता है. चोखा तैयार करने से पहले अमचूर, चाट मसाला और हरी मिर्च से इसे स्पाइसी बनाया जाता है.

खास मौके पर बनता है ‘ब्राउन समोसा’
ये समोसा आदिवासी समाज में खास मेहमानों या तीज-त्योहारों पर बनाया जाता है. इसे हल्के तेल में फ्राई किया जाता है ताकि उसकी ब्राउन टेक्सचर और कुरकुरापन बना रहे.

स्वाद भी, सेहत भी
मैदे और डीप फ्राई से परेशान लोग अब इस समोसे को विकल्प के तौर पर देख रहे हैं. ये न सिर्फ पचने में हल्का होता है बल्कि डायबिटिक और हेल्थ कॉन्शियस लोगों के लिए भी एक शानदार स्नैक है.

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आदिवासियों का फेवरेट है ये ब्राउन समोसा, हड्डियों को बनाता फौलाद सा मजबूत

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