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Rock Salt Or Iodized Salt : नमक हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का एक जरूरी हिस्सा है. चाहे कोई भी पकवान हो, अगर उसमें नमक न हो तो उसका स्वाद अधूरा लगता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो नमक हम खाते हैं, वो किस तरह का है? क्या वह आयोडीन युक्त है या सेंधा नमक? कई लोग बिना सोचे-समझे नमक का इस्तेमाल करते हैं, जबकि इसका असर सीधा सेहत पर पड़ता है. इसलिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि इन दोनों नमकों में क्या फर्क है और कौन-सा हमारे शरीर के लिए ज़्यादा अच्छा है. इस विषय में ज्यादा जानकारी दे रहे हैं भोपाल के डॉक्टर गौरव अग्निहोत्री, B.H.M.S.
आयोडीन युक्त नमक क्या होता है?
आयोडीन युक्त नमक, जिसे आम तौर पर टेबल सॉल्ट कहा जाता है, बाजार में सबसे आसानी से मिल जाता है. डॉक्टर गौरव अग्निहोत्री के अनुसार इसमें आयोडीन मिलाया जाता है, जो शरीर के विकास और थायराइड ग्लैंड के ठीक से काम करने के लिए ज़रूरी होता है. एक नॉर्मल इंसान को हर दिन लगभग 140 माइक्रोग्राम आयोडीन की ज़रूरत होती है, जिसे यह नमक पूरा कर सकता है. इसकी सफेद रंगत और महीन बनावट होती है.
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सेंधा नमक क्या होता है?
सेंधा नमक को रॉक सॉल्ट या हिमालयन पिंक सॉल्ट भी कहा जाता है. यह प्राकृतिक तरीके से पहाड़ों से निकाला जाता है और इसमें किसी तरह की मिलावट नहीं की जाती. इसका रंग हल्का गुलाबी होता है और यह थोड़ा मोटा होता है. पूजा-पाठ और व्रत के समय इसी नमक का इस्तेमाल किया जाता है.
दोनों में कितना सोडियम होता है?
1 चम्मच टेबल नमक में लगभग 2360 मिलीग्राम सोडियम होता है. वहीं, 1 चम्मच सेंधा नमक में लगभग 1680 मिलीग्राम सोडियम होता है. यानी सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है. ज़्यादा सोडियम लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, दिल की बीमारियां हो सकती हैं और शरीर में सूजन भी आ सकती है. इस वजह से कुछ लोग सेंधा नमक को सेहत के लिए बेहतर मानते हैं.
सेहत के लिए कौन ज़्यादा फायदेमंद?
अगर आपकी डाइट में आयोडीन की कमी है, तो आयोडीन युक्त नमक आपके लिए ज़रूरी है. यह थायराइड से जुड़ी परेशानियों से बचाने में मदद करता है. लेकिन अगर आप ब्लड प्रेशर या दिल से जुड़ी समस्याओं से परेशान हैं, तो सेंधा नमक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि इसमें सोडियम कम होता है.
डॉक्टर अगनिहोत्री के अनुसार सिर्फ सेंधा नमक पर निर्भर रहना भी सही नहीं है क्योंकि इसमें आयोडीन नहीं होता, जो शरीर के कई जरूरी कामों में मदद करता है. ऐसे में बेहतर यही है कि दोनों का संतुलित रूप से इस्तेमाल किया जाए. एक दिन रॉक सॉल्ट का इस्तेमाल करें और एक दिन आयोडीन युक्त नमक.
किन लोगों को सेंधा नमक लेना चाहिए?
– जो लोग व्रत रखते हैं
– जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है
– जो लोग प्रोसेस्ड चीज़ें कम खाना पसंद करते हैं
– नेचुरल और कम मिलावट वाला खान-पान पसंद करने वाले लोग
किन्हें आयोडीन युक्त नमक लेना चाहिए?
– जिनमें आयोडीन की कमी है
– जिनके परिवार में थायराइड की समस्या रही हो
– बच्चे और गर्भवती महिलाएं (डॉक्टर की सलाह से)
बाजार में मिलने वाले अन्य नमकों के प्रकार
1. समुद्री नमक – समुद्र के पानी को सुखाकर बनाया जाता है. इसमें मिनरल्स रहते हैं लेकिन आयोडीन कम होता है.
2. कोषेर नमक – बड़े दानों वाला नमक, इसमें आमतौर पर कोई मिलावट नहीं होती.
3. काला नमक – एक खास किस्म का सेंधा नमक, जिसमें हल्की गंधक जैसी महक होती है.
4. हिमालयन गुलाबी नमक – सेंधा नमक का ही एक रूप, जिसमें थोड़ा अधिक आयरन पाया जाता है.
5. लाल हवाईयन नमक – यह नमक हवाई द्वीप से आता है और इसमें आयरन की मात्रा ज़्यादा होती है.
6. टेबल नमक – रोज़ाना इस्तेमाल के लिए, आयोडीन से भरपूर
7. सेंधा नमक : ये हल्के गुलाबी रंग का होता है. पूजा-पाठ और व्रत के दौरान इसे खाया जाता है.
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सेहत पर क्या असर डालते हैं ये नमक?
आयोडीन युक्त नमक
-शरीर में आयोडीन की कमी को दूर करता है.
-थायराइड की परेशानी से बचाता है.
-दिमागी विकास में मदद करता है, खासकर बच्चों के लिए ज़रूरी.
सेंधा नमक
-पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है.
-ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
-शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखता है.
-खनिजों की मौजूदगी के कारण शरीर को पोषण देता है.
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