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70-80 के दशक के सुपरस्टार जितेंद्र के बेटे तुषार कपूर ने पिता की राह पर चलते हुए फिल्म इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन वो सफलता हासिल नहीं कर पाए. हाल ही में हॉरर कॉमेडी फिल्म कपकपी में दिख रहे तुषार कपू…और पढ़ें

तुषार कपूर ने स्टारकिड के स्ट्रगल पर की बात.
नई दिल्ली. बॉलीवुड एक्टर तुषार कपूर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने शुरुआती करियर और नेपोटिज्म को लेकर बेबाक बातचीत की. जितेंद्र के बेटे तुषार ने बताया कि भले ही उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में एक मजबूत शुरुआत की थी, लेकिन उन्हें लगातार आलोचना और निगेटिविटी का सामना करना पड़ा. तुषार कपूर ने 2001 में फिल्म ‘मुझे कुछ कहना है’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उस दौर में नेपोटिज्म पर ज्यादा चर्चा नहीं होती थी, लेकिन मीडिया का एक हिस्सा उन्हें लगातार जज करता रहा.
तुषार कपूर कहते हैं, ‘अगर आप बिना मेकअप के प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाते थे, तो कहा जाता कि आप हीरो जैसे नहीं दिखते. और अगर तैयार होकर जाते थे, तो बोलते बहुत फिल्मी हो. कोई भी आपको नीचे खींचने से नहीं चूकता था’. एक्टर कहते हैं कि इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए उन्हें बहुत मोटी चमड़ी बनानी पड़ी. वो बताते हैं, ‘पहली फिल्म हिट थी, नहीं तो दबाव में टूट सकता था. मैंने आलोचना की परवाह नहीं की और सिर्फ अपने काम पर ध्यान दिया’.
‘स्टारकिड्स को भी करनी पड़ती है मेहनत’
जितेंद्र के बेटे का कहना है कि लोग मानते हैं कि स्टार किड्स को रेड कार्पेट मिलती है, लेकिन हकीकत अलग है. उन्होंने बताया, ‘हमें भी उतनी ही मेहनत करनी पड़ती है. पहली फिल्म तो मिल जाती है, लेकिन उसके बाद हर कदम पर खुद को साबित करना होता है’.
स्टारकिड्स के साथ होता अन्याय
स्टारकिड बताते हैं कि कई बार इंडस्ट्री के बाहर से आने वाले एक्टर्स को ‘विविधता’ यानी सबसे हटकर के नाम पर ज्यादा सराहा जाता है. वहीं स्टार किड्स को उनकी मेहनत के बावजूद ‘मल्टी-स्टारर’ जैसे टैग दिए जाते हैं. वो कहते हैं कि समय के साथ सब सीखना पड़ता है.
हॉरर-कॉमेडी में दिखे तुषार कपूर
अब अगर वर्क फ्रेंट पर बात करें तो तुषार कपूर अब अपनी फिल्म ‘कपकपी’ में नजर आ रहे हैं. ये हॉरर कॉमेडी फिल्म 23 मई को रिलीज होगी. फिल्म का निर्देशन संगीथ सिवन ने किया है.
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