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चौमहल्ला पैलेस, हैदराबाद का ऐतिहासिक महल, 1769 में निज़ाम अली खान ने बनवाया था. अब संग्रहालय में तब्दील, ये महल निज़ामों की जीवनशैली और इतिहास को दर्शाता है.

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आसफ जाही राजवंश की सत्ता का केंद्र रहा है ‘Chowmahalla Palace’,अब बदला संग्रहा

Chowmahalla place Hyderabad 

हाइलाइट्स

  • चौमहल्ला पैलेस, हैदराबाद का ऐतिहासिक महल, 1769 में बना.
  • निज़ामों का आधिकारिक निवास और सत्ता का केंद्र था.
  • अब संग्रहालय में तब्दील, निज़ामों की जीवनशैली दर्शाता है.

Chowmahalla Palace Hyderabad: हैदराबाद शहर अपनी खूबसूरत इमारतों के लिए मशहूर है. उन्हीं में से एक है चौमहल्ला पैलेस. ये पैलेस निज़ामों का था और 1720 से 1948 तक, जब आसफ जाही राजवंश का राज था, तब ये उनकी सत्ता का केंद्र था. निज़ाम यहीं रहा करते थे. आज इस पैलेस को एक संग्रहालय में बदल दिया गया है, लेकिन इसके मालिक आज भी निज़ाम परिवार के वंशज ही हैं.

कब हुआ इस इतिहासिक महल का निर्माण
कब बना था ये ऐतिहासिक महल? मुईन अली खान, जो निज़ामों के इतिहास के जानकार हैं, बताते हैं कि ये महल चारमीनार के पास बना है, जहां पहले कुतुब शाही वंश का एक पुराना महल हुआ करता था. इसका निर्माण निज़ाम अली खान आसफ जाह द्वितीय ने 1769 में शुरू करवाया था. हालांकि कुछ किताबों में ये भी लिखा है कि इसकी शुरुआत 1750 में ही हो गई थी. उन्होंने चार महल बनवाए थे, इसलिए इसका नाम चौमहल्ला पड़ा.

ऐतिहासिक चीज़ों को समेटे हुए है म्यूजियम
क्या है इस संग्रहालय में? यहां आपको हैदराबाद के इतिहास के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा. आप निज़ामों के योगदान और उनकी शानदार जीवनशैली के बारे में भी जान पाएंगे. यहां एक कार भी रखी है जो 1906 की है और शीशे के अंदर बंद है. इसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस ज़माने में राजा-महाराजा कैसे जीते थे. संग्रहालय को दो भागों में बांटा गया है – उत्तरी और दक्षिणी.

कैसी है इस महल की बनावट
कैसा है इस महल का डिज़ाइन? ये महल अपनी बनावट और खूबसूरती में बेमिसाल है. इसमें उत्तरी और दक्षिणी दो हिस्से हैं और कई छोटे-बड़े महल हैं, जिनके अलग-अलग नाम हैं. 18वीं सदी के अंत में इसका निर्माण शुरू हुआ था और कई सालों तक इसमें अलग-अलग तरह की डिज़ाइन और शैलियां जुड़ती रहीं. इस महल में दो आंगन, दरबार हॉल, फव्वारे और बगीचे भी हैं.

कैसे पहुंचे इस महल तक
कैसे पहुंचें यहां? ये चारमीनार के पास ही है, इसलिए आप बस या ऑटो से आसानी से पहुंच सकते हैं. चारमीनार यहां से सिर्फ़ 5 मिनट की पैदल दूरी पर है. अगर आप सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से आ रहे हैं, तो आपको 8 किलोमीटर का सफ़र तय करना होगा.

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