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Agency:News18 Uttarakhand
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Almora: कई बीमारियों में योगासन काफी फायदा पहुंचाते हैं और इसी तरह हार्निया से बचने के लिए भी कुछ आसन किए जा सकते हैं. एक्सपर्ट ने इस बारे में डिटेल में जानकारी दी.
हर्निया के लिए योगासन.
हाइलाइट्स
- हर्निया से बचाव के लिए योगासन फायदेमंद हैं.
- वज्रासन, पश्चिमोत्तानासन, नवासन, पवनमुक्तासन करें.
- हर्निया पुरुषों में अधिक पाई जाती है.
अल्मोड़ा. आजकल के समय में लोगों को कई तरीके की बीमारियां होती हैं और उन्हीं में से एक है हार्निया. ये तब होती है जब पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं या फिर फट जाती हैं. जिसके बाद अंदरूनी अंग बाहर निकल आते हैं. हर्निया में पेशेंट को दर्द और असुविधा होने लगती है, जिससे वह असहज महसूस करता है. ये बीमारी सबसे ज्यादा पुरुषों में पाई जाती है.आपको ये समस्या न हो इसके लिए आप कुछ उपाय करके इससे बचे रह सकते हैं. इसको लेकर लोकल 18 की टीम ने अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के योग प्रशिक्षक डॉक्टर गिरीश अधिकारी से खास बातचीत की.
पहले समझ लें ये बीमारी
डॉ गिरीश अधिकारी ने बताया कि हर्निया के लक्षण नाभि से नीचे या फिर कमर से ऊपर वाले भाग में देखने को मिलते हैं. जिसमें हमारे शरीर की आंत अतिरिक्त रूप में बाहर निकलने लगती है. हर्निया जैसी बीमारी के लिए कुछ ऐसे योगासन हैं जिन्हें करके हम हर्निया इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं. वज्रासन, पश्चिमोत्तानासन, नवासन, पवनमुक्तासन को करके आप हर्निया जैसी बीमारी से कुछ हद तक छुटकारा पा सकते हैं.
ये चार आसन हैं प्रमुख
वज्रासन – ये आसन करने के लिए आपको सामान्य आसन में बैठ जाना होता है. इस आसन में आप दंडासन में बैठते हैं. कमर सीधी रखकर और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर इसमें बैठ सकते हैं. यह आसन आपके भोजन को पचाने के लिए भी काफी अच्छा है. इससे हमारा पाचन तंत्र भी बेहतर रहता है.
पश्चिमोत्तानासन – इसे करने के लिए आपको दंडासन में बैठ जाना होता है. गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने दोनों पैरों के अंगूठों को हाथ से पकड़ना होता है और माथा घुटनों से लगाना होता है. इसमें आपके हाथ की कोहनियां जमीन से भी छूनी चाहिए, जिससे हमारी आंतें अंदर की ओर जाती हैं.
नवासन – इसे करने के लिए आपको शवासन में लेटना होता है. दोनों हथेलियों को अपनी जंघाओं पर रखना होता है. फिर धीरे-धीरे सांस लेते हुए कमर के नीचे और कमर के ऊपर के भाग को उठाना होता है, जबकि हिप वाला हिस्सा स्थिर रहना चाहिए. हाथ और पैर ऊपर की ओर होने चाहिए, जिससे इसका पूरा प्रभाव पेट पर पड़े. इससे हमारी आंतें, जो फैलने लगती हैं, धीरे-धीरे सिकुड़ने लगती हैं, जिससे हर्निया के लक्षण कम होते हैं.
पवनमुक्तासन – ये आसन गैस जैसी समस्याओं को दूर करता है. इसके अलावा, यह आसन हर्निया से पीड़ित लोगों के लिए भी लाभदायक है. इसे करने के लिए सबसे पहले शवासन में लेटना होता है. धीरे-धीरे दोनों पैरों को छाती की ओर लाते हुए हाथों से लॉक करना होता है और नाक को घुटनों की ओर लगाना होता है. इस आसन में जितनी देर संभव हो, उतनी देर रुकना चाहिए. यह आसन हर्निया के लिए काफी फायदेमंद होता है क्योंकि यह बढ़ती हुई आंतों को रोकने का काम करता है.
Almora,Uttarakhand
February 05, 2025, 13:43 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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