[ad_1]
Last Updated:
Ganne Ki Kheti: मुरादाबाद के किसान शुभांकर सिंह ने ऑर्गेनिक खेती से गन्ने की छह किस्मों की सफल पैदावार की है. राउंड पीट विधि से लागत कम और मुनाफा दोगुना हो रहा है. रोग मुक्त और हरे-भरे गन्ने की फसल उगाई है.
हाइलाइट्स
- शुभांकर सिंह ने 6 प्रकार के गन्ने की ऑर्गेनिक खेती की है.
- राउंड पीट विधि से लागत कम और मुनाफा दोगुना हो रहा है.
- ऑर्गेनिक खेती से गन्ने की फसल रोग मुक्त और हरी-भरी रहती है.
Sugarcane Farming: गन्ने की खेती को लेकर आपने अब तक कई तरीके सुने होंगे, लेकिन मुरादाबाद के एक किसान ने इसे पूरी तरह से बदल दिया है. यहां एक किसान ने ऑर्गेनिक खेती के ज़रिए गन्ने की छह अलग-अलग किस्मों की सफल पैदावार कर सभी का ध्यान खींचा है. न केवल उनका उत्पादन अच्छा हो रहा है, बल्कि यह तरीका लागत कम और मुनाफा दोगुना देने वाला भी साबित हो रहा है.
6 वैरायटी के गन्ने की खेती
मुरादाबाद के किसान शुभांकर सिंह का कहना है कि वह 6 किस्मों के गन्ने की खेती कर रहे हैं और इसके लिए ‘राउंड पीट’ विधि को अपनाया है. आमतौर पर किसान गन्ने को पारंपरिक ‘गुल’ मेथड से उगाते हैं, लेकिन शुभांकर मानते हैं कि राउंड पीट मेथड से न सिर्फ उत्पादन बेहतर होता है, बल्कि खेत की देखरेख भी आसान हो जाती है.
इस विधि में सबसे पहले डेढ़ फीट गहरा गड्ढा खोदा जाता है, फिर उसमें वर्मी कम्पोस्ट डाली जाती है. इसके बाद गन्ने की आंख (बड) को काटकर उसी गड्ढे में लगाया जाता है. यह प्रक्रिया गन्ने की मजबूती और गुणवत्ता दोनों को बढ़ा देती है.
रोग मुक्त खेती और हरे-भरे गन्ने की फसल
ऑर्गेनिक तरीकों से की गई इस खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि गन्ने की फसल में किसी भी प्रकार का रोग नहीं लगता. पूरा गन्ना ऊपर से नीचे तक हरा-भरा बना रहता है. किसान शुभांकर बताते हैं कि इस प्रक्रिया में वर्मी कम्पोस्ट के अलावा जीवामृत, सरसों की खल और बिनौले खल जैसी जैविक चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता है.
इससे गन्ने की सेहत बेहतर रहती है और केमिकल फर्टिलाइज़र की ज़रूरत नहीं पड़ती. वहीं, खेत की मेंटेनेंस कम जगह में हो जाती है, जिससे श्रम और समय दोनों की बचत होती है. किसान शुभांकर ने बताया कि वह 6 प्रकार के गन्ने की खेती कर रहे है. जिसमे 23, 35, 11015, 38, 18 और pv96 वैरायटी शामिल है.
[ad_2]
Source link