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सत्यजीत राय की फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’ की 4K स्क्रीनिंग जर्मनी में हुई. वेस एंडरसन ने इसकी शुरुआत की. 19 मई को कान क्लासिक्स अनुभाग में फिल्म का 4K संस्करण प्रदर्शित किया गया.

सूटिंग के दौरान की तस्वीर
हाइलाइट्स
- सत्यजीत राय की फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’ की 4K स्क्रीनिंग जर्मनी में हुई.
- फिल्म की शूटिंग पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला जंगलों में हुई थी.
- वेस एंडरसन ने फिल्म की स्क्रीनिंग की शुरुआत की.
पलामू. पलामू टाइगर रिजर्व अंतर्गत बेतला के जंगलों में 1970 के दशक में बनी फिल्म अरण्य दिन रात्रि’ (‘डेज एंड नाइट्स इन द फॉरेस्ट’) की स्क्रीनिंग जर्मनी में हुई. यह फिल्म 1970 के दशक में महान निदेशक सत्यजीत राय द्वारा बनाई गई थी, जिसे अब 4K में फिर से बनाया गया है. एक कालातीत क्लासिक के लिए एक विशेष पुनर्मिलन ‘अरण्येर दिन रात्रि’ की स्क्रीनिंग की शुरुआत किसी और ने नहीं बल्कि वेस एंडरसन ने की, जो एक जाने-माने निर्देशक हैं.
दरअसल, इस फिल्म को 4k में बनाकर 19 मई को कान्स क्लासिक्स सेक्शन में दिखाया गया. यह वेस एंडरसन, मार्टिन स्कॉर्सेसी और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के नेतृत्व में एक वैश्विक सहयोग है, जो फिल्म और झारखंड के वैश्विक महत्व की पुष्टि करता है. जादू को और बढ़ाते हुए, संथाल लड़की दुली का किरदार निभाने वाली सिमी ग्रेवाल पहली बार कान्स रेड कार्पेट पर नज़र आई. इस फिल्म में झारखंड का जंगली कनेक्शन दिखाया गया. जिसकी स्पेशल स्क्रीनिंग की गई.
पलामू टाइगर रिजर्व एक जीवंत फिल्म
आपने बहुत ही खूबसूरत तरीके से पलामू टाइगर रिजर्व और सत्यजीत राय की फिल्म अरण्येर दिन रात्रि (Days and Nights in the Forest) के बीच के गहरे संबंध को उजागर किया है. यह बिल्कुल सही है कि झारखंड का पलामू टाइगर रिजर्व, खासकर बेतला और केचकी के आसपास का क्षेत्र, इस फिल्म के लिए एक जीवंत और सिनेमाई पृष्ठभूमि प्रदान करता है. सूरज के साल के घने जंगलों के पीछे डूबने, कोयल नदी की चमक, और मोर की दूर से गूंजती आवाज का आपका वर्णन वास्तव में उस प्राकृतिक सुंदरता और जादू को जीवंत करता है, जिसे सत्यजीत रे ने अपनी फिल्म में कैद किया था.
पलामू टाइगर रिजर्व न केवल एक प्राकृतिक खजाना है, बल्कि एक सिनेमाई विरासत का भी प्रतीक है. केचकी, जो कोयल नदी के तट पर स्थित है, वह स्थान है जहां राय ने भारतीय जंगल की आत्मा को अपनी कालजयी कृति में उतारा. यह स्थान वास्तव में सिनेमा और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अनूठा संगम है—जहां जंगल की सजीवता और सिनेमा की कला एक-दूसरे से मिलते हैं.
कान्स फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया
झारखंड के जंगलों पर एक वैश्विक स्पॉटलाइट और सत्यजीत रे का जश्न 2025 के कान्स फिल्म फेस्टिवल में झारखंड के जंगल केंद्र बने. सुनील गंगोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित रे की 1970 की उत्कृष्ट कृति अरण्येर दिन रात्रि का 4K जीर्णोद्धार 19 मई को कान्स क्लासिक्स सेक्शन में दिखाया गया.

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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