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इस लकड़ी की छाल शरीर के हर तरह की चर्बी में घुसकर करती है वार, चाहे कोलेस्ट्रॉल हो या शुगर सबका हो सकता है अंत

Cinnamon Reduces Belly Fat: हमारे यह गरम मसाले का बेहद चलन है. हालांकि गरम मसाले का रेगुलर सेवन नहीं किया जाता है. गरम मसाले की खास चीज है दालचीनी. दालचीनी को सिनेमोम जेलेनिकम पौधे से निकाला जाता है. इस पौधे से समय-समय पर छाल को काटकर निकाल लिया जाता है.यही छाल दालचीनी है. यानी दालचीनी सिनेमो जेलेनिकम पेड़ की सूखी लकड़ी है.दालचीनी में गजब की शक्ति होती है. इसमें कई तरह के औषधीय गुण होते हैं, ये बात आयुर्वेद में सदियों से कही जाती रही है. अब विज्ञान ने भी इसे प्रमाणित किया है. एक रिसर्च में कहा गया है कि दालचीनी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-डायबेटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-कैंसर समेत कई गुण मौजूद होते हैं. दालचीनी के सेवन से डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और पेट की चर्बी को जड़ से खत्म किया जा सकता है.

दालचीनी से पेट की चर्बी पर वार
न्यूज मेडिकल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अध्ययन के मुताबिक दालचीनी से शुगर और पेट की चर्बी को खत्म किया जा सकता है. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दालचीनी से निकाले गए अर्क को चूहों पर अध्ययन किया. इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने चूहों को दो समूहों में बांट दिया और उन्हें दालचीनी से प्राप्त कंपाउड को फीड कराया गया. वहीं इन चूहों के एक समूह को हाई फैट डाइट दिया गया जिसके बाद इन चूहों में एडिपोसाइट की बीमारी हो गई. ऐसे चूहों के शरीर में एडिपोज टिशू का स्टोरेज होना शुरू हो गया जिससे ये बहुत मोटे हो गए.इसके बाद 14 सप्ताह तक शोधकर्ताओं ने इन मोटे चूहों को दालचीनी से निकाले गए कंपाउड का फीड कराया. इस दौरान इनमें कई तरह की जांच भी की गई. अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले थे. अध्ययन में देखा गया कि जो चूहे मोटे हो गए उनका वजन तेजी से घटने लगा. ये कंपाउड सीधे एडिपोज टिशू को ब्रेकडाउन कर देता है और अन्य चीजों को नहीं छेड़ता.

कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम करता

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने एडिपोसाइट, सीरम ट्राईग्लिसेराइड्स, टोटल कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल, एलडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल, बैड कोलेस्ट्रॉल, कार्डिएक रिस्क इंडिकेटर, इंसुलिन, ब्लड ग्लूकोज, लिपिड सिंथेसिस, लिवर आदि की नियमित रूप से जांच भी की. अध्ययन के मुताबिक दालचीनी के कंपाउड के प्रभाव से न सिर्फ वजन तेजी से कम होने लगा बल्कि ट्राईग्लिसेराइड्स, टोटल कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल भी कम होना शुरू हो गया. स्टडी के मुताबिक जब चूहों में दालचीनी का कंपाउड दिया गया तो कुछ ही सप्ताह बाद वीएलडीएल-सी और ट्राईग्लिसराइड्स कम होने लगा.इस प्रकार दालचीनी हार्ट के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित हुई.

ये कंपाउड कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी तेजी से ब्रेकडाउन करने लगते हैं. इतना ही नहीं दालचीनी में एंटी-डायेबेटिक गुण होता है जो पैंक्रियाज के बीटा सेल्स एक्टिव करता है. इससे इंसुलिन का उत्पादन तेजी से होता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस का जोखिम कम हो जाता है.दालचीनी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. इसका मतलब है कि यह कोशिकाओं में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है जिसके कारण सेल्स में रेडिकल सेल्स नहीं बनते. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण क्रोनिक बीमारियां होती है. क्रोनिक बीमारियां यानी डायबिटीज, हार्ट डिजीज, लिवर डिजीज आदि का जोखिम भी कम हो जाता है. दालचीनी में एंटी-कैंसर गुण भी पाया गया.

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