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Sadhguru Health Tips: यौगिक द्रष्टा सदगुरु ने उम्र भर स्वस्थ रहने का सबसे पहला यौगिक तरीका बताया है. इसमें योग नहीं करना है बल्कि 15 दिनों में सिर्फ 1 काम करना है. इसे कोई भी आसानी से कर सकता है.
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सदगुरु के गजब के टिप्स.
हाइलाइट्स
- हर 40 से 48 दिनों में हमारा सिस्टम अपने एक चक्र से गुजरता है.
- ऐसे हर एक चक्र में 3 दिन ऐसे होते हैं जब आपके शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती है
- अगर इन दिनों में आप इस एक दिन उपवास रखेंगे तो आपके शरीर में अद्भुत निखार आएगा.
Sadhguru Health Tips: सदगुरु हेल्थ को लेकर गजब के टिप्स देते रहते हैं. उन्होंने यौगिक विधि को विज्ञान की कसौटी से तालमेल बिठाकर शरीर को शुद्ध और साफ रखने का कमाल का तरीका बताया है. सदगुरु ने कहा है कि यदि आप अपने शरीर के स्वभाविक चक्र पर गौर से ध्यान दें तो इसमें मंडल नाम की एक चीज होती है. हर 40 से 48 दिनों में हमारा सिस्टम अपने एक चक्र से गुजरता है. यह चक्र एक मंडल है. ऐसे हर एक चक्र में 3 दिन ऐसे होते हैं जब आपके शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती है. अगर आप अपने शरीर के कामकाज करने के तरीकों के प्रति जागरुक हैं तो आप पाएंगे कि किसी खास दिन आपको भूख नहीं लगेगी. आपको लगेगा कि इस दिन मेरे शरीर को भोजन की जरूरत नहीं है. इसके बावजूद लोग खाते रहते हैं लेकिन इस दिन आपके सिस्टम को आराम करने की जरूरत है. अगर आप ऐसा कर पाएंगे तो आप देखेंगे कि आपका तन और मन दोनों शुद्ध हो जाएगा. यदि आपको ऐसा पता नहीं चलता कि किस दिन आपको भोजन की जरूरत है तो भारत में एक चीज मौजूद है जिसे एकादशी कहते हैं. अगर 15 दिनों में आप इस एक दिन उपवास रखेंगे तो आपके शरीर में अद्भुत निखार आएगा.
15 दिनों में एक दिन भोजन की जरूरत नहीं
एकादशी हर पूर्णिमा और हर अमावस्या से 4 दिन पहले आता है. इस दिन भारत में कई लोग खाना नहीं खाते है. कोई नाश्ता नहीं करते हैं, कोई लंच नहीं होता है. बस सूरज डूबने के बाद ही वो एक बार भोजन करते हैं. इसका उद्येश्य है सिस्टम को अपना तालमेल ठीक करने की अनुमित देना. अगर आप इसको अनुमति देते हैं तो यह आपके काम करने के तरीके और आपके शरीर के लिए बहुत अच्छा होगा क्योंकि खुद को ठीक करने के लिए सिस्टम को वो समय चाहिए.हर दिन भोजन करना सिस्टम के बोझ को बढ़ाना है. इसे एक दिन छुट्टी दीजिए. अगर आप उपवास नहीं कर पा रहे हैं तो 1 दिन आप कुछ हल्का ले सकते हैं. आप इस दिन फल या फलों के रस पर रह सकते हैं. या जो कुछ आपको अच्छा लगे लेकिन सिस्टम को संभालने के लिए इस दिन बहुत हल्का लेने की जरूरत है. इस दिन कम से कम बहुत ज्यादा समय के अंतराल पर कुछ हल्का भोजन लें. इस दिन पके हुए भोजन को पेट में लादना अच्छी बात नहीं.
यह सिस्टम की सफाई है यह
सदगुरु कहते हैं कि इसका आध्यात्मिक महत्व क्या है. यह सिस्टम की सफाई है. अगर आपका सिस्टम जीवंत नहीं है तो आप कुछ भी अच्छा महसूस नही करेंगे. आप सुस्त महसूस करेंगे. एक ध्यान करने वालों के लिए भी यह जरूरी है. ध्यान करने वालों के लिए प्रारंभ में सबसे बड़ी दुश्मन नींद है. यहां आंखे बंद कर के रहना और उसके लिए पूरी तरह सतर्क रहना बहुत जरूरी है. लेकिन यदि आपका सिस्टम साफ नहीं है तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे. यहा जीवन में सतर्कता की जरूरत के लिए बहुत जरूरी है. इसके लिए शरीर में एक स्तर की जीवंतता की जरूरत है. इस जीवंतता को पैदा करने के लिए हमें गौर करना होगा कि हम कितना खाए और क्या खाएं. यह सिर्फ आध्यात्मिकता नही है क्योंकि इससे सही स्तर का शरीर तैयार होता है.
शरीर को दर्द से मुक्त रखना जरूर
सदगुरु कहते हैं कि यदि आप जीवंत और सतर्क नहीं है तो इसका मतलब है कि आपका शरीर दर्द और अन्य समस्याओं से ग्रसित है. इसे इन चीजों से मुक्त रखना बहुत जरूरी है. यदि आपके शरीर में दर्द या अन्य समस्याएं हैं तो आप कुछ भी काम ढंग से नहीं कर पाएंगे. आपमें आत्मज्ञान नहीं आएगा. यदि आपके शरीर में बहुत ज्यादा दर्द और फर्ज कीजिए आपके सामने भगवान प्रकट हो गए तो सबसे पहले भगवान से आप वहीं मांगेगे. आप अन्य चीजों को भूल जाएंगे. शरीर में ये मुश्किलें सिस्टम शुद्ध नहीं रहने से पैदा होता है. इसलिए सिस्टम को शुद्ध करना जरूरी है. शरीर दर्द और समस्याओं से तभी मुक्त हो पाएगा जब आप जब आप अपने शरीर को शुद्ध और स्वस्थ्य रख पाएंगे. वरना शरीर आपके जीवन में हाबी हो जाएगा. यह सोचने ही नहीं देगा. इस संदर्भ में बीच-बीच में उपवास रखना अपनी जीवंतता को बनाए रखने का सबसे शानदार तरीका है. यौगिक क्रिया में एक भोजन से दूसरे भोजन के बीच 8 घंटे का अंतराल जरूरी है. यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो 5 घंटे का अंतराल जरूर रखिए. भूख लगने से पहले सिस्टम में भोजन न डालें. इससे सुस्ती होगी और आपके जीवन में एक स्तर की जीवंतता नहीं आ पाएगी.
February 10, 2025, 16:14 IST
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