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मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना के अतरारी में रहने वाले मोहम्मद आरीफ के साथ बहुत बुरा हुआ. इनका जीवन काफी संघर्ष भरा रहा. लेकिन दोनों पैर से दिव्यांग होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. प्रशासन से दो गज जमीन के लिए लड़ाई लड़ी. आज भी लड़ रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स के रिपेयर कर अपना गुजारा चला रहे हैं.
आंखों में आंसू लिए लोकल 18 से बात करते हुए मोहम्मद आरिफ बताते हैं कि एक हादसे में ट्रेन से उनके दोनों पैर कट गए. किसी तरह वहां से यह कटे हुए पैर के बल पर बाहर निकले. उस समय आनन-फानन में इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. वह बताते हैं कि दोनों पैर खो जाने बाद जितना वह दुख नहीं हुए उतना दुख तब हुआ जब पैर खराब होते ही उनकी पत्नी बच्चों के साथ चली गई. जरूरत में साथ नहीं दिया.
प्रशासन से क्या शिकायत?
उस समय वह अकेले हो गए और इलाज के लिए पैसे तक नहीं थे. तो उन्होंने अपना घर बेचकर अपने पैर का इलाज कराया. इलाज करने के बाद वह हार नहीं माने और एक छोटी सी घूमती रखकर वहां इलेक्ट्रॉनिक के पार्ट्स को रिपेयर करके गुजारा शुरू कर दिया. इसके बाद वह शासन प्रशासन से आसरा आवास के लिए मांग करने लगे. काफी समय बीत गया है लेकिन आज तक उन्हें आसरा आवास नहीं मिला. वह आज भी अपनी कमाई का आधा हिस्सा शासन प्रशासन से आसरा आवास की मांग करने के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं. लेकिन जीवन में चाहे जितनी भी मुश्किल हालात आए हों, उन्होंने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए.
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पत्नी-बच्चों ने छोड़ दिया साथ
आज भी यह अपना सारा सामान रखने के लिए आसरा आवास के लिए सरकार से लड़ाई लड़ रहे हैं. जब उनसे परिवार के बारे में बात की गई तो उनकी आंखों में आंसू आ गए और कहने लगे, ‘जब मैंने अपने दोनों पैरों को खो दिया तो मुझे किसी सहारे की जरूरत थी. तब मेरी पत्नी बच्चों के साथ घर छोड़कर चली गई.’ तब से वो अकेले ही रहते हैं. अगर उनके जीवन में बहुत ज्यादा परेशानी आती है, तो वो वृद्ध आश्रम चले जाते हैं.
Tags: Local18, Mau news, UP news
FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 17:10 IST
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