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बरेली मंडल में 25 मई से 10 जून तक ‘ऑपरेशन तलाश’ चलाया जा रहा है. कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने चारों जिलों के डीएम-एसपी को रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की सख्त निगरानी के आदेश दिए हैं. अभियान के तहत पहचान, प…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- बरेली मंडल में 25 मई से 10 जून तक ‘ऑपरेशन तलाश’ चलाया जा रहा है.
- कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने चारों जिलों के डीएम-एसपी को आदेश दिए हैं.
- अभियान के तहत पहचान, पूछताछ और कार्रवाई की जा रही है.
बरेली: बरेली मंडल में पुलिस और प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई है. 25 मई से 10 जून तक “ऑपरेशन तलाश” चलाया जा रहा है. इसका मकसद अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और उन पर कड़ी निगरानी रखना है.
बरेली मंडल कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने खुद इस ऑपरेशन की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने चारों जिलों बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं. कमिश्नर ने साफ कहा है कि किसी भी घुसपैठिये को नजरअंदाज न किया जाए और स्थानीय स्तर पर पूरी सतर्कता बरती जाए.
सीमावर्ती इलाकों में बढ़ाई जाए निगरानी
कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने सभी अधिकारियों से कहा हर संदिग्ध गतिविधि पर निगरानी रखी जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी हाल में अवैध तरीके से आए लोग क्षेत्र में शरण न ले पाएं. खासकर सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया है. अगर कोई भी व्यक्ति बांग्लादेश या म्यांमार से अवैध तरीके से आया है, तो तत्काल उसकी रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को दी जाए.
क्या है ऑपरेशन तलाश?
ऑपरेशन तलाश एक विशेष निगरानी अभियान है. इसे उत्तर प्रदेश सरकार ने खासतौर पर उन इलाकों में लागू किया है, जहां रोहिंग्या या बांग्लादेशी घुसपैठ की संभावना होती है. इसमें पुलिस टीमें घर-घर जाकर सत्यापन करती हैं, किरायेदारों की पहचान पत्रों की जांच होती है. साथ ही अवैध रूप से रह रहे लोगों को चिन्हित किया जाता है.
कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने सभी जिलों को यह भी निर्देश दिया है कि यदि कोई भी व्यक्ति संदेह के दायरे में आता है तो तुरंत उसकी जानकारी प्रशासन से साझा की जाए. साथ ही प्रशासन को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सभी नागरिकों की पहचान दस्तावेजों की जांच सख्ती से की जाए.
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स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट
बरेली मंडल की पुलिस और खुफिया एजेंसियों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है. गांवों, बस्तियों और शहर के बाहरी इलाकों में लगातार निगरानी की जा रही है. मकान मालिकों को भी चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी व्यक्ति को बिना जांचे-परखे किराए पर घर न दें.
कमिश्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन तलाश सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है. इसलिए इसमें कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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