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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के बावजूद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. भारतीय टीम ने फाइनल में न्यूजीलैंड को हराया, लेकिन पीसीबी चीफ नकवी नदारद रहे.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की तरफ से कोई भी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद स्टेज पर नहीं था
हाइलाइट्स
- पीसीबी चीफ नकवी फाइनल में नहीं पहुंचे.
- भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर खिताब जीता.
- शोएब अख्तर ने पीसीबी की आलोचना की.
नई दिल्ली. आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी हासिल करने के बाद जमकर बवाल करने वाले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपनी असली औकात दिखा दी है. अपनी टीम पहले ही दौर से हारकर बाहर हो गई तो एक अच्छे मेजबान की जिम्मेदारी भी नहीं निभा पाया पाकिस्तान. भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया लेकिन यह बात पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी को हजम नहीं हुई. टूर्नामेंट का मेजबान होने के बाद भी फाइनल देखने वो नहीं पहुंचे और ना ही खिलाड़ियों को दिए जा रहे प्राइज सेरेमनी में ही वो नजर आए.
आईसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को दी थी लेकिन उसे सिर्फ अपनी टीम से मतलब थी. बतौर मेजबान क्रिकेट बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. सूत्र ने कहा, “पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मौजदा अध्यक्ष मोहसिन नकवी जो पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के संघीय मंत्री भी हैं उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया. मोहसीन अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण दुबई नहीं जा सके. पीसीबी के सीईओ को फाइनल और क्लोजिंग सेरेमनी में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा गया था.”
पाकिस्तान फाइनल खेलती तो नकवी क्या करते
भारतीय टीम के फाइनल में पहुंचने और उनकी अपनी टीम के टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद से ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का रवैया देखने लायक था. चैंपियंस ट्रॉफी का होस्ट होने के नाते मैच चाहे पाकिस्तान में हो या बाहर पीसीबी चीफ का होना जरूरी था. भारत ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान जाकर खेलने से मना किया था और टीम इंडिया के सारे मुकाबले दुबई में कराए गए. सवाल यही है कि अगर पाकिस्तान की टीम फाइनल में जगह बनाती तो क्या तब भी नकवी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देकर मैच देखने नहीं जाते.
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