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महुआ में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जिनमें विटामिन, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट शामिल हैं. इसके फूलों में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो ऊर्जा प्रदान करती है, जबकि इसमें मौजूद कैल्शियम और आयरन हड्डियों को …और पढ़ें

महुआ के फायदे.
हाइलाइट्स
- महुआ में विटामिन, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं.
- महुआ के बीज का तेल त्वचा को नमी और सूजन कम करता है.
- महुआ डायबटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है.
महुआ भारत के मध्य और उत्तरी भागों में पाया जाने वाला एक खास पेड़ है, जिसका नाम सुनते ही एक मीठी सुगंध और बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं. इसका वैज्ञानिक नाम मधुका लॉन्गीफोलिया है. महुआ का पेड़ केवल छाया और हरियाली ही नहीं देता, बल्कि इसके फूल, फल और बीज सेहत और जीवनशैली के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं.
महुआ के फूल वसंत ऋतु में खिलते हैं. रातभर ये फूल पेड़ से गिरते रहते हैं, जिन्हें लोग सुबह इकट्ठा करते हैं. महुआ के बड़े बगीचों को “मऊहारी” कहा जाता है, लेकिन अब ये पहले की तुलना में कम दिखते हैं. महुआ के फूलों की खुशबू बहुत मीठी होती है और इनमें शक्कर की मात्रा अधिक होती है. ताजे फूल मिठाई जैसे लगते हैं और सूखने के बाद किशमिश की तरह दिखते हैं. इनसे कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं, जैसे ठकुवा, लापसी और लाटा. व्रत-त्योहारों में भी महुआ के सूखे फूलों का उपयोग प्रसाद बनाने में किया जाता है.
महुआ के फूलों को गाय-भैंसों को भी खिलाया जाता है, जिससे उनके दूध का उत्पादन बढ़ता है. इसके अलावा, इन फूलों का उपयोग महुआ की देशी शराब बनाने में भी किया जाता है, जो कई ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय है. हालांकि, इसका अधिक सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. महुआ के फूलों में कई औषधीय गुण भी होते हैं. यह शरीर को ऊर्जा देता है और सर्दी-खांसी जैसी श्वसन समस्याओं में राहत देता है. सूखे फूलों का लेप बनाकर सूजन, दर्द और मोच में भी इस्तेमाल किया जाता है.
महुआ में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जिनमें विटामिन, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट शामिल हैं. इसके फूलों में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो ऊर्जा प्रदान करती है, जबकि इसमें मौजूद कैल्शियम और आयरन हड्डियों को मजबूत बनाने और ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद करते हैं. महुआ के बीजों से निकला तेल त्वचा को नमी प्रदान करता है और सूजन कम करने में सहायक होता है. इसके फूलों और फलों का सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है, जिससे अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. महुआ के औषधीय गुण सर्दी-खांसी, ब्रोंकाइटिस और जोड़ों के दर्द में भी लाभकारी होते हैं. इसके अलावा, पशुपालन में भी महुआ का उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसके फूलों को खाने से दूध उत्पादन बढ़ता है.
महुआ के फूलों के बाद इस पर फल लगते हैं, जिन्हें “कोइन” कहा जाता है. कच्चे फलों को उबालकर सब्जी के रूप में खाया जाता है. महुआ के बीज में तेल पाया जाता है, जो साबुन, डिटर्जेंट और दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है. घरों में भी यह तेल प्रयोग में आता है. इसके कसैले स्वाद को कम करने के लिए इसे नींबू की पत्तियों के साथ पकाया जाता है. यह तेल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है और प्राकृतिक मॉइस्चराइजर का काम करता है.
महुआ केवल एक पेड़ नहीं, बल्कि प्रकृति का अनमोल उपहार है. इसके फूलों की मिठास, फलों के पोषक तत्व और बीजों का उपयोग इसे खास बनाता है. यह सेहत, स्वाद और संस्कृति से जुड़ा हुआ है और हमारे जीवन को हर तरह से समृद्ध करता है.
March 08, 2025, 12:27 IST
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