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कन्नौज: जब गर्मी अपने चरम पर हो और लू जैसे थपेड़े हर किसी को परेशान कर रहे हों, ऐसे समय में अगर कोई खुशबू मन और तन दोनों को ठंडक दे जाए, तो वो किसी राहत से कम नही. इत्र की नगरी कहे जाने वाले कन्नौज के इत्र व्यापारियों ने इस बार गर्मियों के लिए कुछ खास पेश किया है ‘कश्मीरी ऊद’ नाम का नया इत्र, जो खुशबू के साथ-साथ ठंडक का भी एहसास दिलाता है.
इस खास इत्र को तैयार करने वाले कन्नौज के इत्र व्यापारी निशीष तिवारी बताते हैं कि इसे ऊद, चंदन, सिट्रस, और मेंथा जैसी प्राकृतिक ठंडी तासीर वाली चीज़ों से मिलाकर बनाया गया है.
इस इत्र की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल महक ही नहीं देता, बल्कि गर्मी के मौसम में लंबे समय तक शीतलता का अहसास भी कराता है.
युवाओं में बढ़ रही है ऊद की डिमांड
निशीष तिवारी के अनुसार, आजकल का युवा वर्ग पारंपरिक खुशबुओं से हटकर कुछ खास और अलग चाहता है. ऊद की ओर युवाओं का रुझान काफी तेजी से बढ़ा है, इसलिए उन्होंने इसे आधुनिक सोच के साथ गर्मियों के लिहाज से तैयार किया है.
इसी सोच के साथ इस इत्र का नाम रखा गया है ‘कश्मीरी ऊद’ — क्योंकि कश्मीर का नाम सुनते ही मन में ठंडी वादियों और शीतलता की तस्वीर उभर आती है.
इस इत्र की कीमत इसमें इस्तेमाल किए गए इंग्रेडिएंट्स की मात्रा पर निर्भर करती है। अगर ऊद, चंदन का तेल (संदल ऑयल) और मेंथा की मात्रा अधिक होती है, तो इसकी कीमत थोड़ी बढ़ जाती है. हालांकि, आमतौर पर यह इत्र 10 ग्राम की मात्रा में ₹400 से ₹500 के बीच मिल जाता है, जो कि प्रीमियम क्वालिटी और लंबे समय तक टिकने वाली खुशबू के लिहाज से एक किफायती विकल्प माना जा सकता है.
प्राकृतिक इत्रों की बढ़ रही मांग
कन्नौज की पहचान उसके नेचुरल इत्रों से है, और यह नया प्रयोग इस बात का उदाहरण है कि किस तरह परंपरा को आधुनिकता से जोड़ते हुए कुछ नया और उपयोगी बनाया जा सकता है. ‘कश्मीरी ऊद’ को बनाने में किसी भी केमिकल खुशबू या कृत्रिम तत्व का इस्तेमाल नहीं किया गया है, इसलिए यह स्किन फ्रेंडली भी है.
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