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शुभमन गिल वाकई इस भूमिका के लायक हैं? या फिर ये फैसला गौतम गंभीर की सिफारिश और विराट कोहली की अनदेखी का नतीजा है. गिल जो एक युवा, स्टाइलिश और प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं और गुजरात टाइटंस के सफळ कप्तान भी पर क्या …और पढ़ें

गिल कागज पर कप्तान या सच में कोच देंगे उनको टीम की कमान
हाइलाइट्स
- शुभमन गिल बने भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान.
- कहीं गौतम गंभीर की सिफारिश पर गिल को कप्तानी तो नहीं मिली.
- गिल की कप्तानी पर सवाल, गंभीर का प्रभाव प्रमुख.
नई दिल्ली. भारतीय टेस्ट टीम को मिला है नया कप्तान और हुई नए युग की शुरुआत – युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को सौंपी गई है टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी जिम्मेदारी. लेकिन सवाल ये है – क्या शुभमन गिल वाकई इस भूमिका के लायक हैं? या फिर ये फैसला गौतम गंभीर की सिफारिश और विराट कोहली की अनदेखी का नतीजा है. गिल जो एक युवा, स्टाइलिश और प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं और गुजरात टाइटंस के सफळ कप्तान भी पर क्या टेस्ट टीम के वो बेहतर कप्तान बन पाएंगे और उनकी चल पाएगी ये सवाल हर किसी के मन में है.
गिल को कप्तान बनाए को लेकर सवाल उठ रहे हैं क्या ये गिल की प्रतिभा का इनाम है
या गौतम गंभीर की लॉबी का असर .दरअसल, गिल को टीम इंडिया का कप्तान उस वक्त बनाया गया है जब गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट के मुख्य रणनीतिकार के रूप में उभरे हैं – चाहे वह बीसीसीआई के सलाहकार हों या कोचिंग की रेस में आगे.
कही गिल कठपुतली कप्तान तो नहीं ?
लगातार दो सीजन में गुजरात टाइटंस को प्ले आफ में पहुंचाने वाले गिल में नेतृत्व की क्षमता जरूर है. लेकिन क्या वह अभी तैयार हैं? टेस्ट कप्तानी का दबाव बहुत अलग होता है जिसको समझने की जरूरत होती है. गिल ने आईपीएल में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी की और टीम को टॉप पर पहुंचाया.
लेकिन टेस्ट क्रिकेट एक अलग ही दुनिया है जहां हर सेशन में खेल बदलता है और पांच जिन तक आपको आगे की सोच के साथ आगे कदम बढाना होता है.नए कप्तान शुभमन गिल और नए कोच गौतम गंभीर की जोड़ी कैसे काम करेगी ये बड़ा सवाल है. लेकिन मैदान से बाहर जो चर्चा है, वो ये क्या गिल सिर्फ एक फ्रंट फेस हैं और टीम को असल में चलाएंगे गंभीर. भारत को दो वर्ल्ड कप जिताने वाले गंभीर का कद इस समय टीम इंडिया में सबसे बड़ा है. गंभीर ने 58 टेस्ट मैच खेले है उनसे ज्यादा टेस्ट कोई भी खिलाड़ी टीम में नहीं खेला है तो जाहिर सी बात है टीम में उनकी बात काटने की हिम्मत कौन करेगा.
गंभीर को वर्चस्व चाहिए ?
गौतम गंभीर जैसे शख्सियत को जब जिम्मेदारी मिलती है तो तय मानिए – रणनीति, टीम सिलेक्शन, यहां तक कि ऑन-फील्ड माइंडसेट तक – हर चीज़ पर उनका असर देखने को मिलेगा. गिल अभी युवा हैं और गंभीर की छाया में तो टीम कौन चला रहा है, ये तो तय है. सूत्र बताते है कि गिल गौतमकी हर मीटिंग में फ्रंट पर रहते हैं. गिल उन्हें फॉलो करते हैं, उनका सम्मान करते हैं और वो कुछ भी बिना गंभीर से पूछे नहीं करते. अब सवाल ये है कि भारतीय क्रिकेट का नया युग “कोच-ड्रिवन” बन रहा है क्या कप्तानी अब सिर्फ एक पद बन गया है, और सारे फैसले लेंगे . क्या ये सिस्टम टीम इंडिया को नई ऊंचाई तक ले जाएगा, या फिर गिल की पहचान एक ‘पपेट कैप्टन’ बनकर रह जाएगी ये सब समझने के लिए हमें इंग्लैंड दौरे के शुरु होने का इंतजार करना पड़ेगा और पहले तीन टेस्ट में हमें सारे सवालों के जवाब मिलना शुरु हो जाएंगे.
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